🟡 कप्तानगंज स्थित गंगा बक्श कनोडिया इंटर कालेज के सहायक अध्यापक देवेन्द्र, वीरेंद्र और श्याम नरायण द्वारा बिना कार्य किये दो वर्ष का एरियर प्राप्त करने का मामला
🔵मुख्यमंत्री पोर्टल पर हुई शिकायत, प्रकरण की एसटीएफ से जांच कराने की मांग
🔴पर्दा है पर्दा, जो उठ गया तो भेद खुल जायेगा
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। जनपद के कप्तानगंज स्थित गंगा बक्श कनोडिया इंटर कालेज मे दो वर्ष बिना कार्य किये कूटरचित व तथ्य गोपन कर एरियर के रूप मे लाखो-लाख रुपये प्राप्त करने वाले सहायक अध्यापक देवेन्द्र पाण्डेय, वीरेंद्र पाण्डेय व श्याम नरायण पाण्डेय का मामला पहुंचा मुख्यमंत्री पोर्टल पर, और की गयी मूल उपस्थिति पंजिका की जांच की मांग । इतना ही नही जांच में बीएड की दो फर्जी डिग्री पाये जाने पर निदेशक द्वारा सेवा समाप्त किये जाने के बावजूद तथ्य गोपन कर नौकरी कर रहे सहायक अध्यापक देवेन्द्र पाण्डेय का मामला भी तूल पकडने लगा है।
सीएम पोर्टल पर किये गये शिकायत में कहा गया है कि गंगा बक्श कनोडिया इंटर कालेज कप्तानगंज के सहायक अध्यापक देवेन्द्र पाण्डेय, सहायक अध्यापक वीरेंद्र पाण्डेय व सहायक अध्यापक श्याम नरायण पाण्डेय ने वर्ष 2012 से वर्ष 2014 तक विद्यालय मे कोई कार्य नही किया है यही वजह है कि विद्यालय के मूल उपस्थिति पंजिका में इन अध्यापको का हस्ताक्षर अंकित नही है जिसका उल्लेख तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश डाॅ. महेन्द्र देव को भेजे गये अपनी आख्या रिपोर्ट में किया है। तत्कालीन डीआईओएस के रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षा निदेशक माध्यमिक डाॅ महेंद्र देव ने '' कार्य नही तो वेतन नही '' (नो वर्क नो पे) के सिद्धांत पर इन अध्यापको का अवशेष भुगतान की मांग को अमान्य करार देते हुए खारिज कर दिया था।
🔴 कूटरचित व तथ्य गोपन कर लूट लिया सरकारी खजाना
विभागीय सूत्रो का कहना है कि जब शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक उदय प्रकाश मिश्र के जांच/सत्यापन आख्या (जिमसें मूल उपस्थिति पंजिका पर इन शिक्षको का हस्ताक्षर अंकित नही पाया गया) के आधार बिना कार्य किये जुलाई 2012 से मार्च - 2014 तक का कथित अवशेष भुगतान की पत्रावली निरस्त कर दी तो सहायक अध्यापक देवेन्द्र पाण्डेय, वीरेंद्र पाण्डेय व श्यामनरायण पाण्डेय ने विद्यालय के प्रधानाचार्य व प्रबंधक के साथ साथ डीआईओएस कार्यालय के संबधित पटल के बाबू सहित निदेशालय के लिपिक को मोटी कमीशन देकर कूटरचित व तथ्य गोपन करके ऐन-केन प्रकारेण के तहत पत्रावली स्वीकृत कराकर क्रमशः देवेन्द्र पाण्डेय,8 लाख 99 हजार 907 रुपये, वीरेंद्र पाण्डेय, 9लाख 10 हजार 407 रुपये और श्याम नरायण पाण्डेय 8 लाख 99 हजार 907 रुपये की धनराशि बिना कार्य किये नियम विरुद्ध तरीके से एरियर के रूप मे प्राप्त कर सरकारी खजाने को लूटने का कार्य किया।
🔴तथ्य गोपन की पुष्टि होने पर शिक्षको से होगी वसूली
कहना न होगा कि देवेन्द्र पाण्डेय,वीरेंद्र पाण्डेय व श्याम नरायण पाण्डेय द्वारा बिना कार्य किये दो वर्ष का एरियर प्राप्त करने के लिए शिक्षा निदेशक माध्यमिक के समक्ष प्रस्तुत की गयी पत्रावली को तत्कालीन डीआईओएस उदय नरायण मिश्र की सत्यापन आख्या के अधार पर निरस्त किये जाने के पश्चात कूटरचित व तथ्य गोपन करके दोबारा पत्रावली प्रस्तुत कर ऐन-केन-प्रकारेण के तहत स्वीकृत कराये गये पत्रावली पर वित्त नियंत्रक माध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्तर प्रदेश ने अपने पत्र संख्या-141199 /2024-25 दिनांक 23-1-2025 मे स्पष्ट शब्दों मे जिला विद्यालय निरीक्षक को धनराशि आहरण के पूर्व प्रशासकीय अनुमन्यता के सापेक्ष शासकीय/प्रशासकीय स्वीकृति, समस्त वित्तीय नियमों, शासनादेशों एवं नियमानुसार अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति कराने का सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि उक्त आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। पत्र में यह भी कहा गया है कि आहरण के पूर्व सम्बन्धित जिला विद्यालय निरीक्षक/वित्त एवं लेखाधिकारी (मा०) अभिलेखों का स्वयं परीक्षण कर यह सुनिश्चित हो लें कि किसी भी दशा में अनियमित भुगतान न होने पाये। किसी भी दृष्टिकोण से शासकीय धन का गवन, अपव्यय, वित्तीय अनियमितता आदि के दशा मे लिए सम्पूर्ण उत्तरदाचिन्न सम्बन्धित जिला विद्यालय निरीक्षक / वित्त एवं लेखाधिकारी (मा०) का होगा। उक्त अवशेष धनराशि में यदि भविष्य में कोई तथ्यगोपन पाया जाता है तो भुगतान की गयी धनराशि की वसूली सम्बन्धित कर्मचारी से की जायेगी। शिकायतकर्ता संजय चाणक्य ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर किये गये शिकायत की जांच एसटीएफ से कराने मांग की है। हालाकि शिकायतकर्ता ने तत्कालीन जिलाधिकारी भुपेन्द्र चौधरी की अध्यक्षता मे गठित टीम द्वारा जांच मे फर्जी पाये गये सहायक अध्यापक देवेन्द्र पाण्डेय की सेवा समाप्ति के बाद तथ्य गोपन कर नौकरी मे बने रहने व इन शिक्षको द्वारा दो वर्ष बिना कार्य किये लाखो रुपये एरियर प्राप्त करने के प्रकरण को एसटीएफ निदेशक को भी भेजा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के शासन मे इस प्रकरण मे क्या खेल होता है।
🟡नोट- अगले अंक मे पढे सहायक अध्यापक देवेन्द्र पाण्डेय की बीएड की दो फर्जी डिग्री का खुलासा और इन तीनो शिक्षको द्वारा फर्जी तरीके से कराये गये विनियमितकरण।
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