🔴धर्मांतरण और दुष्कर्म के मामले में पीडिता ने अपने प्रार्थना पत्र मे सपा के कद्दावर नेता के नाम का किया था जिक्र
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। धर्मांतरण और दुष्कर्म के मामले में सपा के उस कद्दावर नेता को कौन बचा रहा है? जिसका नाम पीडिता ने गोपाल राय को दिये गये प्रार्थना पत्र मे जिक्र किया है। सूत्रो की माने तो पुलिस को दिये गये तहरीर मे भी सपा के उस कद्दावर नेता का नाम अंकित था किन्तु कोतवाली पुलिस ने तहरीर से सपा नेता का नाम डिलीट कराकर तेरह लोगो के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर त्वरित कार्रवाई करने का वाहवाही लूट रही है। सूत्रो के दावे कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है लेकिन चर्चाओं के बाजार में इस बात की चर्चा खूब है कि तहरीर से सपा नेता का नाम निकालने मे दो स्वजातीय पुलिस अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है। सवाल अभी भी सुरसा की तरह मुंह बाये खडी है कि पुलिस प्रशासन आरोपी दीवान को नही बक्शा तो फिर सपा नेता को बचाने मे इतनी दिलचस्पी क्यो दिखाई?
काबिलेजिक्र है कि बीते दिनो जनपद के पडरौना नगर के निवासी अनामिका ने विश्व हिन्दू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय के मौजूदगी मे लखनऊ मीडिया के सामने एक सनसनीखेज मामले का खुलासा किया था। मामला पीडिता के साथ दुष्कर्म और छांगुर उर्फ जमालुद्दीन के मजार पर जबरिया धर्म परिवर्तन कराने का है। मामले की खुलासे के बाद पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया। सूत्र बताते है कि पीडिता अनामिका ने अपने तहरीर में जिन लोगो पर आरोप मढे थे पुलिस ने अक्षरस: तहरीर के मुताबिक एफआईआर में नाम दर्ज कर लिया यहा तक कि तमकुहीराज थाने पर तैनात दीवान इम्तियाज के विरुद्ध भी तमाम गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखने से कोतवाली पुलिस तनिक भी परहेज नही की,किन्तु इस दरम्यान पीडिता के प्रार्थना पत्र मे अंकित सपा के कद्दावर नेता का नाम तहरीर से बाहर निकाल दिया। इसका एक जीता-जागता प्रमाण पीडिता द्वारा गोपाल राय को दिये गये प्रार्थना पत्र है जिसमे पीडीता ने उस सपा नेता का नाम उल्लेख करते हुए रेडहिल रियल स्टेट कम्पनी के मालिक आलमगीर का दोस्त बताया है और कहा है कि जब वह आलमगीर के घर पर थी तो एक दिन उस घर की मालकिन कही बाहर गयी थी घर पर सिर्फ वह और आलमगीर थे तभी आलमगीर के मित्र एवं रेडहिल के मैनेजर रितेश मिश्रा घर पर आये और तीनो मिलकर उसके साथ गैंग रेप किया। पीडिता ने रेडहिल के मालिक आलमगीर के जिस मित्र का नाम, पिता का नाम व पता का उल्लेख किया है वह कोई और नही बल्कि समाजवादी पार्टी के एक कद्दावर नेता है। हालाकि इस कद्दावर नेता के चरित्र पर आज तक कभी कोई अंगुली नही उठा है और न ही कभी इनका चारित्रिक दोष से संबंधित कोई मामला सामने आया है। पीडिता ने इस कद्दावर नेता का नाम अपने तहरीर में क्यो जिक्र किया है अपने आप मे सवाल है। इसके पीछे पीडिता की मंशा क्लेया है? वह भी सवालो के घेरे में है जो निष्पक्ष जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि किसके दबाब में पुलिस ने पीडिता के प्रार्थना पत्र से सपा नेता का नाम निकालकर बाकी सभी आरोपियों के खिलाफ अक्षरस: तहरीर के मुताबिक मुकदमा दर्ज कर अपनी होशियारी पर अपना पीठ थपथपा रही है।
🔴थ्री स्टार वाले हुक्मरान का खेलसूत्रो की माने तो जब पीडिता के तहरीर में एक थ्री स्टार अधिकारी ने सपा के कद्दावर नेता का नाम देखा तो वह सपा नेता को बचाने के लिए ताना-बाना बुनना शुरू कर दिए। इसके बाद वह थ्री स्टार पुलिस अधिकारी अपने स्वजातीय एक वरिष्ठ अधिकारी मे मिलकर आरोपी नेता को बचाने के लिए बुने गये ताना-बाना को अमलीजामा पहनाने में जुट गये। सूत्रो का कहना है कि नेताजी को बचाने के लिए इन स्वजातीय पुलिस अधिकारियों ने उनमे मोटी रकम की वसूली भी है। हालाकि इस बात मे कितनी सच्चाई है मीडिया इसकी पुष्टि नही करती है लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है इसकी निष्पक्ष जांच की पैरवी जरूर करती है। मजे की बात यह है कि थ्री स्टार अधिकारियों द्वारा बुना गया ताना-बाना की भनक जिले के पुलिस कप्तान को भी नही लगी। यही वजह है कि यह पुलिस अधिकारी अपने मंसूबे मे कामयाब रहे
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