🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि संकल्पशीलता और उत्साह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होनें कहा कि योग मानवता के भौतिक और आध्यात्मिक उत्थान दोनों के लिए उपयोगी है।बुनियादी मानवीय मूल्य ही योग साधना की पहचान हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री अठावले मंगलवार को आयुष मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में कुशीनगर के महापरिनिर्वाण मन्दिर परिसर मे आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव की भावना के अनुरूप आठवे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योग साथ पूरी मानवता अपनी रंग बिरंगी विविधता के साथ हमारे साथ जुड़ रही है।भारत सरकार ने मानवता के कल्याण के लिए योग को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मंत्री अठावले ने कहा कि यह आवश्यक है कि इस अद्भुत सांस्कृतिक विरासत का व्यापक प्रसार हो ताकि पूरी दुनिया लाभान्वित हो सके । उन्होनें कहा कि यू एन ओ, डब्ल्यूएचओ, यूनेस्को के अलावा 75 से अधिक देशों के 16 टाइम जोंस में योग उत्सव गार्जियन रिंग कार्यक्रम के माध्यम से मनाया जा रहा है। योग प्राचीन होने के साथ-साथ आधुनिक भी है। सदियों से योग का सार एक ही है स्वस्थ शरीर निर्माण ,एकता की भावना। योगियों ने सदियों पहले जो खोज किया और अनुभव किया वह प्रत्यक्ष रूप में आज भी प्रासंगिक है।भारतीय योगा गुरुओ को धन्यवाद देते हुए उन्होनें कहा कि इन गुरुओ ने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में योग का प्रचार प्रसार किया।योग फिटनेस के साथ-साथ स्वस्थ बने रहने की गारंटी देता है। योग भारत को फिट रखने के लिए एक सर्वव्यापी जन आंदोलन बन गया है। अंत मे अठावले ने योग को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने का संकल्प लेने की अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के इस शक्तिशाली जन आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
🔴 पीएम के कार्यक्रम का हुआ प्रसारण
कार्यक्रम मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मैसूर (कर्नाटक) से संबोधन का सजीव प्रसारण किया गया तथा योगाभ्यास किया गया। अंत मे राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम के समपन की घोषणा की गयी।
🔴 मंत्री ने बुद्ध को चढाया चीवर, किया पौधरोपणयोगाभ्यास कार्यक्रम पश्चात माननीय मंत्री रामदास आठवले हिरण्यवती नदी के समीप स्थित बुद्ध घाट में मियावाकी पद्धति द्वारा पीपल के वृक्ष का पौधरोपण किया। इसके बाद मंत्र महापरिनिर्वाण मंदिर में लेटी हुई भगवान बुद्ध की प्रतिमा का दर्शन-पूजन कर लेटी हुई बुद्ध की प्रतिमा पर चीवर अर्पित किया गया।
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