🔴मणिपुर के मोईरांग से दिल्ली तक पच्चीस सौ किमी की साईकिल यात्रा
🔴 15 मई को दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक संग्रहालय पर साईकिल यात्रा का होगा समापन
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो
कुशीनगर ।मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।यह पंक्तियाँ 10 वर्षीय आरव पर सटीक बैठती है जो खेलने-कूदने की उम्र मे नेताजी सुभाष चंद्र बोस का संदेश लेकर देश मे अलख जगाने का संकल्प लेकर साइकिल से मणिपुर के मोईरांग से दिल्ली तक पच्चीस सौ किमी की यात्रा पर निकल पडा है। कहना न होगा कि मोईरांग वही जगह है जहां 14 अप्रैल वर्ष 1944 मे सुभाष चन्द्र बोस ने तिरंगा लहराया था।
काबिलेगोर है कि छठीं कक्षा में पढ़ने वाले दस वर्षीय आरव ने 14 अप्रैल को मणिपुर के मोइरांग से अपनी यात्रा शुरू की। यात्रा के 19 वें दिन कुशीनगर जिले के कसया नगर में 1554 किमी साइकिल चलाते हुए पहुंचा। इसका लक्ष्य 15 मई को दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक संग्रहालय पहुचना है। आरव के साथ उसके डॉक्टर पिता अतुल भारद्वाज सहित दादा मित्र सैन भारद्वाज, रोहताश कुमार भारद्वाज व मित्र जेसपर बलसारा कसया थाना परिसर पहुंचे। जहां पर एसएचओ सुधीर कुमार सिंह ने माल्यार्पण किया और बुके भेंटकर स्वागत किया। आरव अपने इस यात्रा के जरिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस का संदेश देकर लोगों में देशप्रेम का अलख जगा रहे हैं। आरव का कहना है कि वह भारत की स्वतंत्रता के लिए नेताजी के संघर्ष व योगदान से प्रेरित है। आरव ने बताया कि जब मैं कक्षा दूसरी में था तो मेरे दादाजी ने मुझे देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में कहानियां सुनाया करते थे। उन्होंने मुझे देश की स्वतंत्रता संग्राम के बारे में कई किताबें पढ़ने को दी। इससे मैं नेताजी के त्याग, बलिदान और उनके द्वारा लडी गयी लड़ाईयो से प्रेरित हुआ। देश की आजादी के 75 वें साल और नेताजी की 125 वीं जयंती पर मैं कुछ करना चाहता था। आरव ने बताया कि उनके परिवार में पिता अतुल भारद्वाज ने उनके साइकिल यात्रा पर जाने के विचार का समर्थन किया। यह अभियान दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक संग्रहालय स्थल पर पहुंचकर समाप्त होगा। इसका मकसद राष्ट्रीय एकता का संदेश फैलाना है। आरव ने कहा कि वह भविष्य में सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहता हूं। आरव अपने दल के साथ मंगलवार को कुशीनगर मे रात्रि विश्राम करने के बाद सुबह अपनी यात्रा पर निकल पडा।
No comments:
Post a Comment