🔴परिजनो को शान्त करने के लिए पुलिस को घंटो करनी पडी मशक्कत अस्पताल संचालक पर परिजनो ने लगाया लापरवाही का आरोप
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। जनपद के कसया क्षेत्र के एनएच-28 स्थित सरस ग्रुप के आरएस हास्पिटल की लापरवाही के कारण मार्ग दुर्घटना में घायल हुए युवक की मौत हो गयी है। हास्पिटल प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण युवक की हुई मृत्यु के बाद आक्रोशित तीमारदारों ने घंटो अस्पताल पर हंगामा किया किया। इस दौरान संचालक हास्पिटल पर ताला जड़ स्टाफ के साथ फरार हो गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बडी मशक्कत से नाराज परिवारजनों को शान्त कराकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

बतादे कि बीते शुक्रवार की देर रात तकरीबन एक बजे पडरौना कोतवाली अन्तर्गत खांव खड्डा में नीलगाय से टकरा कर एक ही बाइक पर सवार नेबुआ नौरंगिया के पड़री निवासी 24 वर्षीय अभय मल्ल, चंदन सिंह व अंकुर गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास के लोगो ने तीनो घायल युवको को जिला अस्पताल भेजवाया जहां चिकित्सको ने प्राथमिक उपचार करने के बाद घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए गाेरखपुर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। परिजनो के मुताबिक गोरखपुर ले जाते समय कसया एनएच - 28 पर तमाम डाक्टरों का नाम लिखा आरएस हास्पिटल देखकर वहा रुक गये और घायलों को लेकर हास्पिटल पहुंचे जहां दो नर्स मौजूद थी। नर्स ने तत्काल घायलो को भर्ती करने की बात कहते हुए डाक्टर को बुलाने की बात कही। इस दौरान दोनो नर्स घायलों का अपने स्तर से इलाज शुरू किया और काउंटर पर एक लाख साठ हजार रुपये जमा करने के लिए कहा। परिजनो का कहना है कि रात्रि ढाई बजे से सुबह आठ बजे तक दोनो नर्स अस्पताल संचालक से बात कर डाक्टर के आने की दुहाई देकर घायलों को बिना कोई इलाज किये रोके रखा। शनिवार को सुबह आठ बजे हास्पिटल की दोनो नर्स यह कहकर एक लाख रुपये जमा करा लिया कि डाक्टर आ रहे है पैसा जमा करने के बाद ही डाक्टर इलाज करेगे। परिजनो का कहना है कि डाक्टर काइंतजार करते हुए तकरीबन दिन के नौ बजे 24 वर्षीय अभय की मृत्यु के बाद नर्सो ने हास्पिटल के संचालक से बातकर गोरखपुर ले जाने के लिए रेफर कर दिया।
🔴घंटो परिजनो ने हास्पिटल पर किया हंगामा
अभय की मौत के बाद इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्वजनों ने हास्पिटल पर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान काफी संख्या में गांव से महिलाएं पहुंच गईं। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुची कसया पुलिस सुबह नौ बजे से परिवारजनों को शांत कराने व शव को कब्जे में लेने के लिए मशक्कत करती रही लेकिन उसे सफलता दोपहर के दो बजे मिली। स्वजनों का आरोप है कि इलाज के लिए एक लाख 60 हजार रुपया जमा करने को कहा गया था। एक लाख रुपया जमा किया गया। शेष पैसा कुछ देर बाद देने को कहा गया था।अस्पताल में कोई चिकित्सक नहीं था। केवल दो नर्स थीं जो डाक्टर के आने की दुहाई देती रही सुबह अभय मल्ल की मृत्यु हो गई।
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