चंद्रलोक गेस्ट हाउस के मालिक और संचालक पर क्यो नही दर्ज हुआ देहव्यापार एक्ट के तहत मुकदमा ? - Yugandhar Times

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Sunday, September 17, 2023

चंद्रलोक गेस्ट हाउस के मालिक और संचालक पर क्यो नही दर्ज हुआ देहव्यापार एक्ट के तहत मुकदमा ?

🔵देहव्यापार कारोबारियों के साथ सौतैला व्यवहार क्यो? 

🔴 बुद्धनगरी स्थित चन्द्रलोक गेस्ट हाउस मे देहव्यापार का खुलासा संबंधित मामला

🔵संजय चाणक्य 

कुशीनगर । बुद्धनगरी में वर्षो से संचालित हो रहे अनैतिक देह व्यापार कारोबार पर अंकुश लगाने व कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए प्रशासन द्वारा शुरू किये अभियान व कार्रवाई की सराहना चहुंओर हो रही है। साथ ही इस बात की चर्चा भी जोरो पर है कि बीते दिनो चंद्रलोक गेस्ट हाउस पर मारे गये छापे के दौरान पकडी गयी तकरीबन दो दर्जन युवक-युवतियां के बावजूद गेस्ट हाउस के मालिक व संचालक के खिलाफ देह व्यापार अधिनियम के तहत मुकदमा क्यो नही दर्ज की गयी ? सवाल बुनियादी है जिसका जबाब जानने के लिए हर कामनमैन उत्साहित है।

बेशक! मीडिया द्वारा प्रमुखता से उठाये जाने के बाद पुलिस व प्रशासन ने इस अनैतिक कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए अभियान छेड़ रखा है जिसकी बुद्धनगरी सहित पूरे जिले में खूब सराहना हो रही है। बुद्धनगरी के बाशिंदे इस बात को लेकर खासे इत्मिनान है कि पुलिस व प्रशासन द्वारा शुरू किये संयुक्त अभियान के बाद बुद्धनगरी से यह अनैतिक कारोबार की खात्मा होने की शंखनाद हो गयी है। लेकिन इस बात को लेकर नगरवासी संचय की स्थिति मे है कि आखिर पुलिस देह व्यापार को बढावा देने वाले व देह व्यापार के अनैतिक कारोबार मे लिप्त कारोबारियों के खिलाफ देह व्यापार एक्ट के तहत मुकदमा क्यो नही दर्ज की है? जबकि 11 सितम्बर को उपजिलाधिकारी कसया योगेश्वर सिंह व सीओ कुन्दन सिंह के अगुवाई मे कसया नगर के जैन बिल्डिंग के पास स्थित नूरजहाँ व सपहा रोड पर एसबीआई बैंक के सामने स्थित पूजा शर्मा के मकान में व पुराने थाना के बगल में स्थित आयशा पत्नी स्व. मुन्ना के मकान तथा कुशीनगर में स्थित थाई मंदिर के पीछे पारस गुप्ता के मकान सहित नगर के होटल रिद्धि सिद्धि व अन्य होटलो में मारे गये छापे के दरम्यान पकडे गये दो दर्जन युवक-युवतियो के खिलाफ पुलिस ने  मुकदमा संख्या 805/23 धारा 3/4/5/7 अनैतिक देह व्यापार अधिनियम 1956 दर्ज कर सभी को जेल भेजा है। इसमें संचालक व एजेंट भी शामिल थे। ऐसे मे बुनियादी सवाल यह है कि बुद्धनगरी स्थित खासे चर्चित चन्द्रलोक गेस्ट हाउस पर छापेमारी के दौरान पकडे गये लगभग दो  दर्जन युवक-युवतियो को हिरासत मे लेने के बाद देहव्यापार के अनैतिक धंधे को बढ़ावा देने वाले गेस्ट हाउस के संचालक व मालिक पर देहव्यापार अधिनियम के तहत मुकदमा क्यो नही दर्ज किया गया? क्यों सिर्फ गेस्ट को सील कर  पुलिस व प्रशासन ने अपने दायित्वों का इतिश्री कर लिया यह अपने आप मे यक्ष प्रश्न है जो चर्चा का सबब बना हुआ है।

🔴गेस्ट हाउस सीज करने से होता रहा परहेज

कहना न होगा कि शुक्रवार को बुद्धनगरी के महापरिनिर्वाण मंदिर मार्ग पर  संचालित चन्द्रलोक गेस्ट हाउस पर एसडीएम और सीओ के नेतृत्व मे छापामारी की गई थी। इस दौरान यहां दो दर्जन से अधिक युवक-युवतियां पकड़े गए। कसया पुलिस उन्हें थाने लेकर आयी। सूत्रों की माने तो इस दरम्यान प्रशासन गेस्ट हाउस को सील करने से परहेज करता रहा। बताया जा रहा है  कि मौके पर मौजूद अधिकारी गेस्ट हाउस का कागजात ठीक होने की बात कहकर गेस्ट हाउस को सील करने की कार्रवाई से पल्ला झाडते रहे लेकिन जब यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान मे आया तो डीएम ने तल्ख लहजे मे कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद देर शाम तहसीलदार एकता तिवारी पुलिस बल के साथ चन्द्रलोक गेस्ट हाउस पहुची और  गेस्ट हाउस को सील कराया।

🔴 क्या कहते विधि विशेषज्ञ

देहव्यापार को बढावा देने व कारोबार को संचालित करने वालो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किये जाने के संबंध मे विधि विशेषज्ञों का कहना है कि  कोई भी व्यक्ति जो देहव्यापार के कारोबार को चलाता है, बढावा देता है उसका प्रबंध करता है या उसके रखने में और प्रबंध में मदद करता है। उसके खिलाफ अनैतिक देहव्यापार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का प्रावधान है। इसमे तीन साल तक का कठोर कारावास है। यदि वही व्यक्ति दोबारा इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसे पांच साल तक का कठोर कारावास की सजा हो सकती है।

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