🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर । जनपद के नवागत मेडिकल कॉलेज मे अंशकालीन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए बीते दिनो शिवम ट्रेडर्स फर्म द्वारा अखबारो मे निकाले गये विज्ञापन मे न सिर्फ बहुत बडा खेल, खेला गया है बल्कि मोटी कमाई करने की गरज से प्रकाशित विज्ञापन मे पदो का गोलमाल भी किया गया है। मतलब साफ है इस नियुक्ति मे बहुत बड़ा झोल है। ऐसे सवाल उठना मुनासिब है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के अब तक जो भी नियुक्ति हुई वह संदेह के घेरे मे है लिहाजा जिले मे पूर्व में हुई नियुक्ति मे किन किन समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया गया, कितने पद के सापेक्ष कितने अभ्यर्थियों ने आवेदन किया सहित तमाम विन्दु जांच के घेरे मे है जिसकी जांच जनहित मे जरूरी है।
काबिलेगौर है कि बीते दिनों जिले के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय मे शिवम ट्रेडर्स द्वारा विभिन्न पदो पर अंशकालीन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराया गया था। मुद्दे की बात यह है कि फर्म ने जिन दो समाचार पत्रो मे विज्ञापन प्रकाशित कराया था उनमे से एक अखबार पीडीएफ प्रसारित है जो न छपता है न जनपद मे दिखता है जबकि दुसरा अखबार लखनऊ से प्रकाशित होता है और जनपद मे आता है किन्तु जिस दिन विज्ञापन छपा था उस दिन के अखबार का पुरा बंडल फर्म ने स्वयं लेकर डंप कर दिया था जिससे वह अखबार आम जनमानस तक नही पहुच सका। युगान्धर टाइम्स सहित लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्रों को जब इसकी भनक लगी तो " आउटसोर्सिंग के नियुक्ति मे खेला विज्ञापन उन अखबारों मे छपा जो न छपता न दिखता " नामक शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया किया था। खबर प्रकाशित होने के बाद जिले मे न सिर्फ हो-हल्ला मच गया बल्कि जिम्मेदार भी अपनी कुंभकर्णी निद्रा से जाग गये है जो खबर को संज्ञान मे लेकर कार्रवाई करने में जुटे है।
🔴 क्या कहते है जानकारजानकारों की माने तो अपने चहेतों की नियुक्ति करने व मोटी रकम वसूली करने के उद्देश्य से फर्म द्वारा प्रकाशित विज्ञापन मे अभ्यर्थियों के अर्हता व पदो के साथ भी गोलमाल किया गया है। प्रकाशित विज्ञापन मे सिर्फ पदो का ही उल्लेख किया गया है। किस पद पर कितने अभ्यर्थियों की नियुक्ति करनी है यह कही नही दर्शाया गया है। इसके अलावा न तो किसी पद की अर्हता दर्शायी गयी है और न ही आवेदन करने का प्रारुप विज्ञापन मे प्रकाशित किया गया है। जानकार बताते है कि किसी भी नियुक्ति मे पदो की संख्या, आवेदक की अर्हता और प्रारुप नौकरी नियमावली की प्रथम व अत्यंत जरूरी प्रक्रिया है। इसके बाद मेरिट के अनुसार आवेदक की छंटनी होती है फिर साक्षात्कार अथवा लिखित परीक्षा के जरिए अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है। इस प्रक्रिया को पुरा किये बिना चयन नही हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो मतलब साफ है सब गोलमाल है।
🔴 फर्मों की खुल जायेगी कलई
जानकारों का दावा है कि अब तक जनपद मे फर्मों के माध्यम से विभिन्न विभागों मे जो भी नियुक्तियां हुई वह संदेह के घेरे मे है। अब तक के हुई नियुक्ति के दौरान समाचार पत्रो मे प्रकाशित विज्ञापन, पदो की संख्या, अर्हता व प्रारुप की जांच कर दी जाये तो आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाले फर्मो की कली खुल जायेगी।
🔴 ऐसे किया प्रकाशित
स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय मे शिवम ट्रेडर्स द्वारा अंशकालीन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को विभिन्न पदो पर नियुक्त करने के जिन दो अखबारो मे विज्ञापन प्रकाशित किया गया था उस पर नजर दौडायें तो डिप्टी लाईब्रेरियन, मेडिकल सोशल वर्कर, लीगल एडवाईजर, ऑडियो मोडुयलर ऑडियो विज्युअल,टेक्नीशियन, फैटालोर, आडियो मेट्रोटेक्नीशियन, फैटालोर, डाइटिशियन पेश पिस्त, साइकीट्रीक सोशल वर्कर्स स्पीच थ्रेपिस्त, इलेक्ट्रिशियन, हेल्थ असिस्टेंट, हेल्थ एजूकेटर, हेल्थ इन्स्पेटर, मल्टीरिहेबिलिटेशन वर्कर्स/एमआरडब्लू/टेक्नीशियन/थेरेपिस्ट, फोटोग्राफर, ड्राईवर, टेक्निकल असिस्टेंट / टेक्नीशियन / डायलिसिस टेक्नीशियन / प्लास्टर, टीबी एंड चेस्ट डिजीजेज हेल्थ, विजिटर वैन ड्राईवर, वोकेशनल कांउसलर, कंप्यूटर ऑपरेटर, स्टोनोग्राफर, क्लास- 4 टेक्नीकल, क्लास-4 नॉन टेक्नीकल आदि पद शामिल है।
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