सेना मे नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से लाखो रुपये ठगी कर चुका है उत्कर्ष - Yugandhar Times

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Sunday, July 23, 2023

सेना मे नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से लाखो रुपये ठगी कर चुका है उत्कर्ष

🔵मिलिट्री के इंटेलिजेंस की सूचना पर एसटीएफ ने चिनहट से उत्कर्ष को किया गिरफ्तार 

🔴 सेना मे चयन न होने के बाद बना ठग

🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो

कुशीनगर । सेना मे नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों को झासे मे लेकर लाखो रुपये ठगी करने वाला उत्कर्ष पाण्डेय को एसटीएफ ने चिनहट से गिरफ्तार कर लिया है। उत्कर्ष कुशीनगर जनपद के नेबुआ नौरंगिया का रहने वाला है। मिलिट्री  इंटेलिजेंस की सूचना पर एसटीएफ ने यह कार्रवाई की है।

काबिलेगौर है कि नेबुआ नौरंगिया निवासी उत्कर्ष वर्ष 2020 मे  सेना की एक्स, वाई समूह और एनडीए की परीक्षा दी थी। इस दौरान उसी गांव का प्रवीण तिवारी ने भी परीक्षा दी थी। प्रवीण का चयन हो गया जबकि उत्कर्ष फेल गया। गांव मे अपना जलवा टाइट रखने के लिए उत्कर्ष ने झूठ बोल दिया कि उसका भी चयन हो गया है। उसके बाद गांव वालो ने प्रवीण के साथ उसका भी स्वागत किया। इसके बाद उत्कर्ष खुद को वायु सेना का लेफ्टिनेंट बताकर कर अपने गांव सहित अन्य क्षेत्रों के बेरोजगारों को सेना मे नौकरी दिलाने के नाम पर अपना शिकार बनाने लगा।

🔴सेना में नौकरी दिलाने के नाम वसूले लाखो रुपये

 बताया जाता है कि  उत्कर्ष सेना के अफसरों, विधायक सहित कई वीआईपी कार्यक्रमों में मंच पर अपनी मौजूदगी दिखाकर अपना भौकाल टाइट करता था। इतना ही नही युवाओ को झासे मे लेने के लिए उत्कर्ष सोशल मीडिया पर सेना की वर्दी पहन फोटो अपलोड करके लोगो को अपने विश्वास मे लेने लगा, फिर सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये वसूले। उसने युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिए। मजे की बात यह है कि उसके झासे मे सिर्फ बेरोजगार ही नहीं आए बल्कि उसका भौकाल देख नेता भी आ गए। बताया जाता है कि कुछ दिनों पहले एक विधायक और सांसद उसका रुतबा देखकर अपनी बेटी का रिश्ता लेकर उसके घर पहुंच गए थे।

🔴 पूछताछ में दी जानकारी

एसटीएफ के एएसपी अमित नागर के मुताबिक उत्कर्ष कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया का रहने वाला है. उत्कर्ष ने लखनऊ के अलावा कानपुर, गोरखपुर, बहराइच, बस्ती, सोनौली समेत कई जिलों के बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसा लिया था। उत्कर्ष ने एसटीएफ को बताया कि जब लोग उस पर विश्वास करने लगे तब उसने सबसे नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये वसूलना शुरू कर दिया। किसी से पाच लाख तो किसी से सात लाख रुपये उसने लिये। एसटीएफ को उत्कर्ष के खाते से साढ़े  दस लाख रुपये  मिले  हैं। बताया जाता है कि उत्कर्ष जब भी गांव आता था सेना की वर्दी पहनकर आता था ताकि किसी को कोई शक न हो। गांव मे लोगो को यही बताता था कि उसकी ट्रेनिंग चल रही है। जबकि वह लखनऊ मे रेस्त्रां मे साझीदार था। एसटीएफ द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि वह अभी तक दो दर्जन से अधिक लोगो से नौकरी के नाम पर लाखो रुपये ठगी किया है। 

🔴पिता को करता रहा  गुमराह 

 बताया जाता है कि उत्कर्ष के पिता कृष्ण कुमार को कुछ ऋण हुआ तो उन्होंने पूछा कि ट्रेनिंग पर कब जा रहे। इस पर वह सात दिन के लिये घूमने चला गया और लौटने पर सबसे कहा कि ट्रेनिंग तेलांगना में चल रही थी। कोरोना की वजह अब ट्रेनिंग रोक दी गई है।

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