🔴रिंकी हत्याकाण्ड से जुड़े रहस्यमयी सवाल का कौन देगा जबाब
🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर। पन्द्रह दिन पूर्व गायब हुई रिंकी को ढूंढने मे पूरी तरह नाकाम रही जिले की कसया पुलिस, जीर्ण - शीर्ण अवस्था मे रिंकी का शव मिलने के बाद भले ही चौबीस घंटे के भीतर कातिल को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजकर अपना सीना चौडा कर रही है लेकिन इस हत्या के पीछे छिपे कई रहस्यमयी सवाल आम लोगो के जेहन मे हिलोरें मार रही है, जिसका जबाब सिर्फ और सिर्फ कसया पुलिस ही दे सकती है। जैसा कि मृतका की माॅ और बहन का कहना है कि रिंकी के गायब होने के पांचवे दिन उनके मोबाइल फोन पर किसी अजनबी का फोन आया था और वह शख्स रिंकी को ठिकाने लगा देने की धमकी दिया था। ऐसे मे सवाल उठना लाजमी है कि आखिर वह शख्स कौन था? खुलासे मे पुलिस ने धमकी देने वाले व्यक्ति को बेनकाब क्यो नही किया ?
मृतका रिंकी की माँ उर्मिला देवी की माने तो रिंकी के लापता होने के चार दिन बाद पाचवे दिन उनकी छोटी बेटी सरिता के मोबाइल फोन पर किसी अपरिचित नम्बर से फोन आया था जिसके आखिरी के दो डिजिटल नम्बर 68 है। फोन करने वाला शख्स सरिता के मोबाइल पर रिंकी को ठिकाने लगाने की बात कहकर फोन काट देता है। इसके बाद मृतका रिंकी की माँ अपनी एक पडोसन, छोटी बेटी सरिता और अपने क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि साथ मोबाइल लेकर कुशीनगर पुलिस चौकी पहुंची थी जहां एक पुलिसकर्मी को पूरी वाक्या की जानकारी देते हुए सरिता के मोबाइल पर उस अजनबी नम्बर को दिखायी थी। इसके बाद वह पुलिसकर्मी उस नम्बर को अपने मोबाइल से डायल किया लेकिन पूरी घंटी बजती रही किसी ने फोन रिसीव नही किया। यह सिलसिला चार से पांच बार तक चलता है लेकिन फोन नही उठता फिर वह पुलिसकर्मी यह कहकर कि कोई फालतू व्यक्ति होगा और वह नम्बर सरिता के मोबाइल से डिलीट करा देता है। ऐसा मृतका की माँ उर्मिला देवी और उनकी बेटी सरिता का कहना है। अब सवाल यह उठता है कि सरिता के मोबाइल पर आखिरी के दो अंक 68 वाले नम्बर से धमकी भरा फोन करने वाला शख्स कौन था? पुलिस ने उस नम्बर को सर्विलांस के माध्यम से पता करने की कोशिश क्यो नही की, क्यो सरिता के मोबाइल से उस नम्बर को पुलिस ने डिलीट करा दिया? विधि विशेषज्ञों का दावा है कि अगर सरिता के मोबाइल पर किसी अपरिचित नम्बर से धमकी भरा फोन आया था तो फिर रिंकी की हत्या मे कही न कही उस अजनबी की भूमिका भी संदिग्ध रही होगी। ऐसे मे पुलिस ने उस नम्बर का डिटेल क्यो नही खंगाला। क्यो पुलिस उस व्यक्ति को बचा रही है आखिर वह कौन है जिस पर पुलिस हाथ डालने से कतरा रही है। कहना न होगा कि बीते बुधवार को पुलिस ने जैसे ही रिंकी हत्याकांड का खुलासा करते हुए जेसीबी चालक वीरेंद्र पासवान को कातिल के रुप मे मीडिया के सामने सार्वजनिक कर गढी हुई कहानी सुनाती है वैसे ही दुसरी तरफ रिंकी के परिजनों ने पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया। रिंकी की माँ उर्मिला देवी पुलिस पर फर्जी खुलासा का आरोप मढते हुए कहा कि वह इस खुलासे से तनिक भी संतुष्ट नही है।
🔴 मृतका की माँ का दावा: अकेले कोई भी रिंकी को नही मार सकतामीडिया से बातचीत करते हुए मरहूम रिंकी की माँ ने बताया कि उनकी बेटी पुरी तरह से स्वास्थ्य और हेल्दी थी, कोई एक व्यक्ति उसको काबू मे नही कर सकता था। उसकी हत्या एक व्यक्ति ने नही की है इसमे और लोग भी शामिल है क्योंकि रिंकी को अकेले काबू मे कर हत्या करना संभव नही है।
🔴 रिंकी की हत्या कहा हुई
पुलिसिया कहानी के मुताबिक शादी के लिए दबाब बना रही रिंकी को उसका प्रेमी वीरेंद्र पासवान ने चाकू से गला रेतकर हत्या कर दिया लेकिन रिंकी की हत्या कहा हुई और लाश बुद्धनगरी स्थित निर्माणाधीन मकान मे कैसे पहुची इस पर से कसया पुलिस ने पर्दा नही हटाया। जानकार बताते है कि रिंकी की हत्या अगर निर्माणाधीन मकान मे हुई होती तो अगल-बगल के लोग शोर-शराबा जरूर सुने होते। इसमे कही दोराय नही है कि रिंकी की जब हत्या हुई उस समय अपने बचाव मे रिंकी ने शोर न मचाया हो।
🔴कही होटल मे तो नही हुई रिंकी की हत्या
शहर मे हो रही कानाफूसी पर गौर करे तो यह अंदेशा जताई जा रही है कि रिंकी की हत्या कही किसी होटल में तो नही हुई। हो सकता है कि रिंकी किसी के साथ होटल मे गयी हो जहा पहले से मौजूद लोगो ने रिंकी के साथ कुछ गलत करने की कोशिश की हो और रिंकी ने इसका विरोध किया हो और बात इतनी आगे बढ गयी हो कि वहा मौजूद लोगो ने रिंकी की हत्या कर उसकी लाश निर्माणाधीन मकान मे ठिकाने लगा दिये हो। खैर यह तो लोगो का अंदेशा है लेकिन इस बात से इंकार नही किया जा सकता है जैसा रिंकी की मां का कहना है कि रिकी को अकेल मारना किसी की बश की बात नही थी और न ही इस बात से इंकार किया जा सकता है कि सरिता के मोबाइल पर घमकी देने वाले व्यक्ति को पुलिस बचा रही है।
उक्त प्रकरण में कसयाँ पुलिस निष्पक्ष नही है तथा असली अभियुक्तों को बचा रही है । इसका निष्पक्ष पर्दाफाश होना आवश्यक है ।
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