निर्माणाधीन मेडिकल कालेज की छत से गिरकर मजदूर की मौत - Yugandhar Times

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Saturday, March 18, 2023

निर्माणाधीन मेडिकल कालेज की छत से गिरकर मजदूर की मौत

🔴घटना को छुपाने व पुलिसिया जांच-पड़ताल से बचने के भय से आनन-फानन मे घायल मजदूर को निजी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सको ने मजदूर की नाजुक हालत को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया श्रमिक जब तक जिला अस्पताल पहुचा तक तक उसकी मौत हो चुकी थी

🔵 संजय चाणक्य 

 कुशीनगर । जिला मुख्यालय रवीन्द्रनगर निर्माणाधीन मेडिकल कालेज के निर्माण कार्य के दौरान शटरिंग कर रहे श्रमिक की गिरने से मौत हो गयी। भवन निर्माण मे जुटे ठेकेदार व प्रोजेक्ट मैनेजर घटना को छुपाने व पुलिसिया जांच-पड़ताल से बचने के भय से आनन-फानन मे घायल मजदूर को निजी अस्पताल ले गये जहां चिकित्सको ने मजदूर की नाजुक हालत को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया । इसके बाद कम्पनी के लोग श्रमिक को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तब तक मजदूर की मौत हो चुकी थी और चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।  ऐसी चर्चा है कि निर्माण कार्य मे लगे श्रमिकों के सुरक्षा के कोई उचित प्रबंध नहीं किये गये है जिसके वजह से यह घटना हुई है।

जानकारी के मुताबिक पडोसी राज्य बिहार कटिहार के ग्रामसभा चैनी निवासी हरिप्रसाद चौहान जिला मुख्यालय स्थित निर्माणाधीन मेडिकल कालेज के शैक्षणिक ब्लॉक मे शटरिंग का काम कर रहे थे। अचानक संतुलन बिगड़ने के कारण हरिप्रसाद बिल्डिंग की छत से नीचे गिरकर अचेत हो गये। घायल मजदूर  को पडरौना नगर के छावनी मुहल्ले मे स्थित एक निजी हास्पिटल ले जाया गया। यहा प्राथमिक उपचार के बाद श्रमिक हरिप्रसाद की नाजुक हालत को देखते हुए चिकित्सक ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद श्रमिक हरिप्रसाद को जिला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सको ने उसे मृत घोषित कर दिया।

🔴जिला अस्पताल के बजाय निजी अस्पताल क्यो?

काबिलेगौर है कि जिला मुख्यालय रवीन्द्रनगर स्थित जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा दे दिया गया है उसी परिसर मे मेडिकल कालेज के बिल्डिंगों का निर्माण कार्य चल है। सवाल उठना मुनासिब है शटरिंग के दौरान जब अनियंत्रित होकर हरिप्रसाद गिरकर घायल हुए तो उन्हें पहले जिला अस्पताल  मे क्यो नही पहुंचाया  गया? क्यों चार किलोमीटर दूर पडरौना नगर के छावनी मुहल्ले मे स्थित निजी अस्पताल मे घायल श्रमिक को ले जाया गया जबकि जिला अस्पताल से घटना स्थल की दूरी महज पचास मीटर है। कहने वाले कहते है कि   घटना की खबर किसी को न लगे इस लिए मेडिकल कॉलेज का निर्माण करा रही अहमदाबाद की कम्पनी पीएसपी के जिम्मेदार लोगो ने आनन-फानन मे घायल मजदूर को निजी अस्पताल लेकर गये। ऐसी चर्चा है कि अगर पहले ही घायल हरिप्रसाद को जिला अस्पताल पहुचा दिया गया होता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। 

🔴 घटना को पचाने का किया गया प्रयास

कहना न होगा कि घटना गुरुवार की दोपहर तकरीबन साढे बारह बजे की है। श्रमिक के मौत के बाद कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर व सैफ्टी अधिकारी से लगायत अन्य जिम्मेदार आनन-फानन मे शव की औपचारिकता पूरी कराकर शव मजदूर के घर भिजवा दिया।

🔴प्रोजेक्ट मैनेजर मीटिंग का बहाना बनाकर नही किया बात 

श्रमिक हरिप्रसाद की मौत के संबंध मे मेडिकल कॉलेज निर्माण करा रही पीएसपी कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेज अनुप श्रीवास्तव से इस संबंध मे बात किया गया तो उन्होंने मीटिंग का बहाना बनाकर कोई बात नही किया। उनके मोबाइल पर भी संपर्क किया गया तो उन्होंने फुर्सत मिलने पर कालबैक करने की बात कहकर फोन काट दिया। फिर एक घंटा बाद जब फोन मिलाकर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नही किया।

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