🔵 अकूत संपत्ति के मालिक बने पेशकार भ्रष्टाचार को दे रहे है बढावा 🔴सूत्रो का दावा- इनके नौकरी के दरम्यान अर्जित की गयी चल-अचल संपत्तियों की जांच हो जाये तो अवैध कमाई की खुल जायेगी पोल
🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर । जनपद के विभिन्न तहसील व कलेक्ट्रेट मे अंगद की पांव की तरह जमे बाबूओ का कुर्सी हिलने का नाम नही ले रहा है। या फिर यह भी कहा जा सकता है कि इन बाबूओ की ऊंची पहुंच व रसूख का प्रभाव इस कदर है कि वर्षो से एक ही पटल पर रहकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के बावज़ूद किसी अधिकारी मे इतना दम नही है कि उन्हें वहा से हटा सके। यकीन न हो तो कसया पडरौना और तमकुहीराज तहसील के पेशकारो पर एक नजर डाल लिजिए। इनका रुतबा और भौकाल देखकर आप भी दंग रह जायेगें।
काबिलेगौर है कि कलेक्ट्रेट से लगायत तहसील कार्यालय के मलाईदार पटलो पर रसूखदार बाबूओ की तूती बोल रही है। जनपद के कसया तहसील पर गौर करे तो यहां राहुल चतुर्वेदी वर्षों से एसडीएम के पेशकार बने बैठे है। इनके रसूख की चर्चा पूरे जिले मे है। ऐसी चर्चा है कि इनके ऊपर कई बार धन उगाही का आरोप भी लग चुका है लेकिन यह अपने प्रभाव के दम पर अपने ऊपर लगे आरोपों को खुद ही खारिज कर ऐसे आंख तडेडते है कि फिर कोई इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नही जुटा पाता है। बीते माह इनका एक आडियो भी खूब वायरल हुआ था जो इनके भ्रष्टाचार की कलई खोलकर रख दिया था लेकिन इनके रसूख के प्रभाव का सबब यह रहा कि इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही हुई। तहसील के गलियारों में इस बात की चर्चा जोरो पर है कि पेशकार साहब बिना नजराना पकडे जमानत नही होने देते, जबकि धारा 80 की कार्रवाई कराने के लिए साहब मोटी बक्शीश के बिना किसी की बात नही सुनते है। अब इस चर्चा मे कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है लेकिन इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है कि धुआं वही उठता है जहा आग लगती है।हालांकि इनका एक बार स्थानांतरण हुआ था लेकिन कसया से इन्हे इतना मोह है कि स्थानांतरण के कुछ माह बाद इनकी घर वापसी हो गयी तब से यह जनाब कसया तहसील मे एसडीएम का पेशकार बनकर कुण्डली मारे बैठे है। सूत्र बताते है कि यह अकूत संपत्ति के मालिक है। कुशीनगर मे लीलावती स्टेडियम के पीछे करोडो की लागत से बने हवेली की चर्चा दूर दूर तक है। बताया जाता है कि इस हवेली मे तीन से चार एसी लगे है। इस भवन की भव्यता देखने लायक है। इसी तरह अमीरुल्लाह तकरीबन डेढ दशक से तमकुहीराज तहसील मे मलाईदार पटल पर अंगद की पाव की तरह जमे हुए हैं। अमीरुल्लाह न सिर्फ नौकरी नियमावली की धज्जियाँ उडा रहे है बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर अवैध अकूत संपत्ति भी बनाये है। इसके अलावा पडरौना तहसील मे सुनील गुप्ता वर्षों से एसडीएम के पेशकार व तमकुहीराज मे आशुलिपिक के पद कार्यरत राजीव कुमार को हटाने की जुर्रत कोई नही करता है। इनका भौकाल भी किसी से छुपा नही है। यह जो चाहते है साहब वही करते है।
इसी कडी मे शिवकुमार यादव का नाम भी शुमार है। यह वर्षों से जिला मुख्यालय स्थित एडीएम वित्त एंव राजस्व के पेशकार है। इनके रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनको पटल से हटाने की जहमत कोई नही करता. सरकार चाहे किसी की भी हो इनका सिक्का हमेशा चलता है। सूत्रों के दावे पर यकीन करे तो यह सभी सरकारी मुलाजिम अकूत संपत्ति के मालिक है। अगर इनके नौकरी के दरम्यान अर्जित की गयी चल-अचल संपत्तियों की जांच हो जाये तो इनके अवैध कमाई की पोल खुल जायेगी।
बेशक जिलाधिकारी रमेश रंजन की ईमानदारी पर किसी को कोई शक-सुबहा नही है। इनकी तेवर और ईमानदारी को देख आम लोगो को यह उम्मीद जगी है कि जल्द ही भ्रष्टाचारियों की दुकान बंद होगी। अब देखने वाली बात यह होगी तेजतर्रार जिलाधिकारी सूबे के वजीरेआला के मंशा के अनुरूप अंगद की पाव की तरह जमे बाबूओ के फेरबदल का फरमान कब जारी करते है।
इस खबर से संबंधित बाबू व पेशकार अपना पक्ष देते है तो उनका भी पक्ष खबर मे जोड दिया जायेगा।
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