🔴 आरटीआई मे हुआ खुलासा
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। जिला मुख्यालय स्थित पंचायतीराज कार्यालय मे संतोष तिवारी नामक ग्राम पंचायत अधिकारी विगत डेढ दशक से बाबू बनकर कुण्डली जमाए बैठे है जबकि जनपद मे सेक्रेटरी की कमी पहले से है। नौकरी नियमावली से इतर बाबू बने बैठे रसूखदार सेक्रेटरी का अब अपने मूल पद पर वापस न होना शासन-प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खडा कर रहे हे। इनके रसूख का प्रभाव इस कदर है कि नियम विरुद्ध होने के बावजूद अब तक के यहां के विभाग-ए-शहंशाह इस सेक्रेटरी को उनके मूल पद पर वापस भेजने से परहेज करते रहे है।
काविलेगौर है कि ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर तैनात सन्तोष कुमार त्रिपाठी जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में पिछले 18 वर्षों से सम्बद्ध है और यह विभाग के महत्वपूर्ण पटल के साथ बाबू की कुर्सी सभाले हुए है। इनके रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पांच वर्ष पूर्व महराजगंज से स्थानांतरित होकर आए वरिष्ठ लिपिक के पद पर रिज्वानुल्लाह इनके आगे-पीछे घुमते हुए नजर आते हैं। इतना ही नही कार्यालय के महत्वपूर्ण अभिलेखों की निगरानी भी बाबू बने सेक्रेटरी संतोष त्रिपाठी के हवाले है। साहब बीमार हो जाए या छुट्टी पर चले जाए, जब तक कार्यालय में लौटकर नही आते, मजाल क्या कोई किसी अभिलेख को हाथ लगा दे या फिर कोई जानकारी दे दे। चर्चा तो यहाँ तक है कि विभाग-ए-शहंशाह भी इन्ही के इशारे पर ट्रान्सफर, पोस्टिंग व नोटिस आदि की कार्यवाही करने का निर्देश जारी करते है। कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक के पद पर राहुल सिह पिछले 18 वर्षो से तैनात है। वर्तमान में श्री सिंह जन सूचना का पटल देख रहे है। इसके अलावा कार्यालय में तैनात रमेश चंद पत्रवाहक के पद पर जहाँ 15 वर्षो से तैनात है, वही 22 वर्षो से मुक्तेश्वर पत्रवाहक भी अपना पटल देख रहे है। इसी तरह से पिछले 19 वर्षों से पत्रवाहक के पद पर धर्मेन्द्र कुमार गौतम जमे हुए है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि जब जिम्मेदार ही शासन के आदेशों की धज्जियाँ उड़ाएंगे, तो कैसे लगेगा भ्रष्टाचार पर अंकुश?
🔴 जनसूचना से हुआ खुलासा
समाजसेवी व आरटीआई एक्टिविस्ट प्रदीप सिंह ने बीते दिनों जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय मे कार्यरत सभी कर्मचारियों से संबंधित सूचना मांगी थी। इसके जबाब मे जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा पत्र संख्या-3473/प0-7/ ज0सू0/2022-23 दिनांक- 21-02-2023 को दी गई सूचना में अंगद के पाव की तरह जमे कर्मचारियों का खुलाखा हुआ है।
🔴 कर्मचारियों के स्थानांतरण का क्या है शासनादेशकहना न होगा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की गरज से नौकरी नियमावली मे स्थानांतरण का प्राविधान है। इसी क्रम मे मुख्य सचिव दुर्गा मिश्र ने प्रदेश के सभी जनपदो के विभागों को शासनादेश का हवाला देते हुए आदेश जारी किया था। शासनादेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश में हर साल 30 जून तक 3 साल से एक ही पटल पर जमे कर्मचारियों का तबादला करने का निर्देश है। शासन की तरफ से जारी किया गया यह आदेश फील्ड में तैनात कर्मचारियों के साथ-साथ दफ्तरों में कार्यरत कर्मचारियों पर भी लागू होगा। फील्ड के कर्मचारियों का कार्य क्षेत्र बदला जाएगा और दफ्तर में काम कर रहे कर्मचारियों का विभाग और विभाग में सेक्शन बदला जाएगा। मुख्य सचिव की तरफ से सभी जिलों के डीएम कमिश्नर के साथ-साथ सभी सरकारी विभागों के विभागाध्यक्षों को यह आदेश भेजा गया है।
No comments:
Post a Comment