🔴 एडीओ पंचायत सफाईकर्मियों से कराते है अपने घर का कार्य
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । जनपद के सुकरौली ब्लाक पर तैनात व कसया ब्लाक का अतिरिक्त प्रभार लिए बैठे एडीओ पंचायत रामअशीष प्रसाद का जलवा सातवे आसमान पर है। वह योगी सरकार मे बेखौफ सफाई कर्मियों के वेतन से न सिर्फ अपना मनमाफिक हिस्सा अवैध तरीके से वसूल करते है बल्कि सफाई कर्मियों से अपने घर का काम भी कराते है। मजे की बात यह है कि साहब के तुगलकी फरमान का अवहेलना करने वाले सफाईकर्मियों को किसी न किसी तरह से उत्पीड़न का शिकार होना पडता है। चर्या है कि जिले से लगायत सूबे तक, किसी मे इतनी कूबत नही जो एडीओ पंचायत के खिलाफ कार्रवाई करने की सोच भी सके क्योंकि एडीओ पंचायत का पऊवा बहुत मजबूत है।
काबिलेगोर है कि जनपद के सूकरौली ब्लाक मे कुल 66 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 106 सफाई कर्मी व कसया विकास खण्ड मे 19 गांव मे कुल 55 सफाईकर्मी तैनात किये गये है। ग्रामप्रधानों, जनप्रतिनिधियों और आम जनता की ओर से आये दिन यह शिकायत की जाती रही है कि उनके ग्राम सभाओ में सफाईकर्मियों की कमी होने के कारण सफाई कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके पीछे सबब यह है कि अधिकांश सफाई कर्मी ब्लाक से लगायत विभिन्न विभागों मे अटैच किये गये है। जो न सिर्फ पंचायती राज विभाग की कार्य प्रणाली को संदिग्ध बनाता है। बल्कि यह शासन से निर्गत शासनादेश के प्रतिकूल भी है। ऐसे में उनका संबद्धीकरण निरस्त कर अपने मूल तैनाती स्थल पर लौटने का आदेश जिला स्तर से लगायत शासन स्तर से कई बार दिया जाता रहा है। बावजूद इसके जिले मे सफाई कर्मचारियो का अटैचमेंट खत्म नही है। यही वजह है कि ब्लाक पर तैनात साहब सफाईकर्मियों को अपना नौकर बनाकर घर का काम कराते है इसमे एडीओ पंचायत राम अशीष प्रसाद इसके जीता जागता प्रमाण है। सूत्रो की माने तो चार से पांच सफाईकर्मी अक्सर इनके आवास पर बेगारी करते हुए देखे जा सकते है जबकि रामायण प्रसाद नामक सफाईकर्मी इनके चार पहिया वाहन का चालक बना बैठा है। वैसे तो सफाईकर्मी रामायण प्रसाद की तैनाती ग्राम सभा टिकर मे है लेकिन कभी गांव मे जाकर सफाई नही करता है। सूत्र बताते है कि प्रधानमंत्री के आगमन के दौरान जहां पूरे जनपद के सफाईकर्मी एयरपोर्ट पर ड्यूटी कर रहे थे वही रामायण प्रसाद अपने साहब के मेहरबानी पर लखनऊ था और साहब उसकी हाजिरी बनाते रहते थे। बताया जाता है कि एडीओ पंचायत के चालक व सफाईकर्मी रामायण प्रसाद तकरीबन एक माह से अपने बीमार बेटे को लेकर लखनऊ मे इलाज करा रहा है। इस दरम्यान एडीओ पंचायत उसके उपस्थिति पंजिका पर प्रजेंट चढा रहे। सूत्र बताते है कि सफाईकर्मी अपने बेटे का इलाज कराने के लिए न तो छुट्टी लेकर गया है और न ही आवंटित गांव टिकर क्षेत्र मे ड्यूटी कर रहा है इसके बावजूद उसकी उपस्थिति टनाटन है क्योकि यह साहब का गाडी चलाता है। ज्ञानी प्रसाद गांव मे सफाई करने के बजाय सुकरौली ब्लाक पर एडीओ पंचायत के घर मे सुबह-शाम खाना बनाता है और घर का सफाई करता है। इस तरह से कुछ और सफाई कर्मी है जो साहब का घर का काम करते है। इतना ही नही सूत्र यह भी दावा करते है कि एडीओ पंचायत सफाईकर्मियों के वेतन से भी अपना हिस्सा भी लेते है और जो सफाईकर्मी इनको बक्शीस देने से इंकार करता है या फिर आनाकानी करता है साहब बिना बताए गांव मे उसकी जांच करने पहुच जाते है। सूत्र बताते है कि गांव लंबा होने के वजह से सफाईकर्मी किसी टोले पर अपना कार्य कर रहा होता है तो साहब उस टोले पर न जाकर पंचायत भवन से ही उसको अनुपस्थित कर नोटिस जारी कर देते है। कहने का मतलब यह कि योगी सरकार मे हराम का बक्शीस न देने वाले सफाईकर्मियों को एडीओ पंचायत के उत्पीड़न का शिकार होना पडता है। सफाईकर्मियों ने नाम न उजागर करने के शर्त पर बताया कि साहब हम लोगो का बहुत शोषण होता है हम लोगो की पीडा कोई नही सुनता। एडीओ पंचायत को हर महीने पैसा नही दिये तो किसी न किसी बहाने हम लोगो को प्रताड़ित किया। जाता है। इस लिए हम लोग विवश है।
🔴 डीपीआरओ बोले
जिला पंचायती राज अधिकारी अभय यादव का कहना है कि इस तरह के मामले की जानकारी नही है मझे, आप बता रहे है तो दिखवता हू अगर मामला सही पाया जायेगा तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
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