🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो
कुशीनगर। भाजपा के पिछले सरकार मे कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्या के निजी सचिव अरमान खान सहित चार अन्य साथियों की एसटीएफ द्वारा की गयी गिरफ्तारी के बाद अब खुफिया विभाग भी इनका इतिहास - भूगोल पता लगाने मे जुट गया है। इतना ही नही इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की कुण्डली खंगालने का काम भी शुरु हो गया है जिसमे कुछ सफेदपोश लोग भी एसटीएफ और इंटेलिजेंस के रडार पर बताये जा रहे है।
काबिलेगोर है कि बीते दिनो एसटीएफ लखनऊ की इकाई ने विभिन्न लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे एक फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए पाँच लोगों की गिरफ्तारी की थी । इनमें मुख्य सरगना के तौर पर पूर्व में यूपी सरकार में श्रम मंत्री और जिले की पडरौना सीट से विधायक रहे स्वामी प्रसाद मौर्या के निजी सचिव अरमान खान का नाम सामने आया था । पडरौना नगर के जमालपुर मुहल्ले का निवासी अरमान और उसके दूसरे साथी पडरौना के रहने वाला अमित राव की गिरफ्तारी के साथ ही गिरोह से जुड़े तीन अन्य युवकों को मामले से जुड़े गम्भीर साक्ष्यों के साथ दबोचा था। इन सभी पर कुछ जरुरतमंद लोगों को झाँसे में लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर करोडो रुपये रकम की वसूली करने का आरोप है । सूचना के मुताबिक पीड़ितों के शिकायत के क्रम में मामले की हुई जमीनी पड़ताल के बाद इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है । बताया जा रहा है कि पकड़े गए लोगों के राजनीतिक रसूख को देखते हुए स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में कड़ी कार्यवाही करने का निर्देश दिया है । इसके बाद पाँच लोगों की गिरफ्तारी तो हो गयी लेकिन एसटीएफ के आगे की पड़ताल के साथ ही खुफिया विभाग भी इस मामले में आरोपियों से जुड़े कुछ सफेदपोश लोगों को चिन्हित करने के काम मे लगा हुआ है । सूत्रों की माने तो सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ लोगों के बारे में भी विस्तार से पता लगाया जा रहा है । इस सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण लोगों के पास पूछताछ के लिए काल भी आने की सूचना मिल रही है ।ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले की जड़ काफी गहरी है। पूर्व मंत्री श्री मौर्या के बतौर निजी सचिव काम कर रहे अरमान खान की कुछ सालों में बढ़ी शान शौकत की चर्चा तो आम है लेकिन मामले के खुलासे के बाद उससे जुड़े रहे कई नाम भी एसटीएफ के निशाने पर हैं । सूत्र बताते हैं कि ऐसे कई लोगों की कुण्डली खंगालने का काम शुरु हो गया है । आगे के दिनों में देखना होगा कि खुफिया विभाग और एसटीएफ की पड़ताल में और कौन कौन से चेहरे बेनकाब होते हैं ।
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