🔴 तमाम नेताओ के बैनर-पोस्टर से गायब रहे जिलाध्यक्ष
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो
कुशीनगर । विधानसभा 2022 मे सूबे के सत्ता पर आसीन होने के लिए भागीरथ प्रयास कर रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मेहनत पर पार्टी कार्यकर्ताओं की गुटबाजी कही पानी न फेर दे। कारण यह की अपनी जीत के लिए समाजवादी विजय रथ लेकर निकले हैं अखिलेश के कुशीनगर आगमन पर सपाईयो की गुटबाजी बैनर-पोस्टर से लगायत मंच तक देखने को मिली है। गुटबाजी इस कदर रहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के जनपद मे दो दिवसीय कार्यक्रम मे नेताओ की खेमेबाजी पूरी तरह जमीन पर आ गई।
काबिलेगोर है कि सपा मुखिया व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री के कुशीनगर मे 13 नवंबर से दो दिवसीय कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपने ढंग से जुटे हुए थे। इसी क्रम मे जगह-जगह तोरण द्वार और बैनर-पोस्टर से पूरे जिले को सजाया गया। इस दौरान स्वागत व उत्साह के बीच गुटबाजी भी पूरी दमदारी से उभरकर सामने आई। बैनर-पोस्टर में कई कद्दावर नेताओं का फोटो और नाम नदारत था। मतलब यह कि हर नेता बैनर - पोस्टर के माध्यम से अपनी डफली अपना राग अलाप करते हुए देखे गये। इतना ही नही तमाम बड़े नेताओ के बैनर-पोस्टर से पार्टी के जिलाध्यक्ष के नाम और तस्वीर गायब रहा। बात यही खत्म हो जाती तो और बात थी। लेकिन ऐसा हुआ नही, जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का जिले में आगमन का समय हुआ तो यहा गुटबाजी जमीन पर उतर आई। कप्तानगंज में दो पूर्व विधायकों ने कुछ ही दूरी पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत के लिए अलग-अलग मंच लगा रखा था। इस दरम्यान जब अखिलेश पहुंचे तो स्वागत में दोनो मंचो से अलग-अलग नेताओ के समर्थकों द्वारा जमकर नारेबाजी भी होती रही। हालांकि, जब इस संबंध में जिलाध्यक्ष डा. मनोज यादव से पूछा गया तो कहे कि कहीं कोई गुटबाजी नहीं है। सभी में उत्साह था, सबने अपने-अपने ढंग से स्वागत किया है।
🔴 चर्चाओं का बना विषय
कहना न होगा कि रविवार को सपा अध्यक्ष अपने दुसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत प्रेसवार्ता से किए। कुशीनगर के एक होटल मे पत्रकारों से रुबरु के दौरान सपा प्रमुख सूबे के मुखिया योगी और अमित शाह पर हमलावर दिखे। इस दौरान अखिलेश के साथ सपा जिलाध्यक्ष, हाटा के पूर्व विधायक राधेश्याम सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री बम्हाशंकर त्रिपाठी व एमएलसी राम अवध यादव सब एक साथ बैठे हुए थे। लेकिन सपा के कद्दावर व मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी माने जाने वाले बालेश्वर यादव कही नही दिखे। बालेश्वर को सपा मुखिया के ईर्द-गिर्द न पाकर राजनीतिक गलियारो मे चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसके अलावा रामकोला के पूर्व विधायक डा0 पूर्णवासी देहाती भी कही नजर नही आये। ऐसे कहना लाजमी होगा कि सपा मे यह गुटबाजी लंबे समय तक यू ही चलती रही तो मिशन 2022 मे बाइसिकल पर कही पानी न फिर जाए।
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