🔴मामला:हाटा ब्लॉक में प्रधानों के दो दिवसीय प्रशिक्षण के नाम पर किया जा गया धन का बंदरबांट प्रधानों की जगह प्रधान प्रतिनिधियों के कराये गये प्रशिक्षण
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो
कुशीनगर । ग्राम पंचायतों मे योजनाओं को ठीक ढंग से क्रियान्वयन कराने के उद्देश्य से शासन द्वारा शुरू की गयी ग्राम प्रधानों की दो दिवसीय प्रशिक्षण अधिकारियों के भ्रष्ट नीति की भेट चढती नजर आ रही है। यकीन नही आए तो बीते दिनों जनपद के हाटा व्लाक मे प्रधानों को दी गयी प्रशिक्षण की तस्वीर पर एक नजर दौड़ा लिजिए। यहा प्रशिक्षण के नाम पर कोरमपूर्ति कर धन का बंदरबांट किए जाने के सिवाय कुछ नही किया गया। इतना ही नही प्रशिक्षण भी ग्राम प्रधानों के बजाए उनके प्रतिनिधियो को देकर खाना पूर्ति कर लिया गया।हाटा ब्लॉक का आलम यह है कि यहा कुल 53 प्रधानो में 29 महिला है,उसमें भी गिनेचुने प्रधान प्रशिक्षण में पहुचे ।
काबिलेगोर है कि हाटा ब्लॉक के सभागार में एडीओ पंचायत की देख रेख में सरकार के तरफ से ग्राम प्रधानों का प्रशिक्षण सोमवार और मंगलवार को रखा गया था ।जिसमे हटा ब्लॉक में कुल 53 ग्राम प्रधानों में से 29 महिला ग्राम प्रधान है, उसमें भी प्रशिक्षण के दौरान महज गिने-चुने कुछ ही प्रधान मौजूद रहे।जबकि नियमानुसार प्रशिक्षण के वक्त प्रधानों की उपस्थिति अनिवार्य है। जानकारों की माने तो किसी भी तरह का प्रशिक्षण प्रधान प्रतिनिधि को नहीं दिया जा सकता है। बताया जाता है कि दो दिवसीय प्रशिक्षण के लिए बकायदा सरकार की तरफ से बजट निर्धारित कर धन अवमुक्त भी किया गया था। इसी क्रम मे प्रशिक्षण के दौरान सरकार की तरफ से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रति व्यक्तियों पर 300 रुपये का खर्च करने प्रावधान बजट मे शामिल कर व्लाकवार धन अवमुक्त किया गया है। यह धनराशि प्रशिक्षण लेने वाले ग्राम प्रधानों को नाश्ता व भोजन पर खर्च किया जाना था। लेकिन अफसोस हाटा ब्लॉक मे एडीओ पंचायत द्वारा इस धनराशि का सीधे बंदरबांट किए जाने की चर्चा सरेआम है। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो हाटा विकास क्षेत्र के 53 ग्रामसभाओ मे से 29 ग्रामसभाओ का नेतृत्व महिला जनप्रतिनिधिओ द्वारा की जाती है। मतलव यह कि व्लाक क्षेत्र मे 29 ग्राम प्रधान महिला है लेकिन मंगलवार को हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिर्फ एक महिला ही प्रशिक्षण में भाग ली थी। ग्राम प्रधानों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दो दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम को एक ही दिन मे कोरमपूर्ति कर निपटा दिया गया। इस दौरान नाश्ता के नाम पर एक समोसा और एक लड्डू देकर प्रति व्यक्ति पर तीन सौ रुपये खर्च दिखा दिया गया है जब कि किसी को भोजन नही कराया गया है। कहना न होगा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम की देखरेख व व्यवस्था की सभी जिम्मेदारी एडीओ पंचायत की है। इस संबंध मे जब एडीओ पंचायत चंद्रिका प्रसाद से उनका पक्ष लिया गया तो उन्होंने बडी ही निर्लजता से कहा कि हम कितने लोगो को जबाब दे, सुबह से फोन आ रहा है और हम सबसे यही कह रहे है कि दो दिन प्रशिक्षण हुआ है और सब ठीकठाक से हुआ है, जहा हमको जबाब देना होगा वहा जबाब देगे। इस संबंध में डीपीआरओ अभय यादव का कहना है कि इसकी जांच कराई जाएगी इस तरह की अगर खामियां मिलती है तो इस पर कार्रवाई किया जाएगा। एडीओ पंचायत हाटा चंद्रिका प्रसाद का कहना है कि सूचना दिया गया था ।
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