सिस्टम के संवेदनहीनता की भैट चढ गयी सीमा - Yugandhar Times

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Sunday, May 2, 2021

सिस्टम के संवेदनहीनता की भैट चढ गयी सीमा

🔴 प्रसव के अतिंम दौर से गुजर रही सीमा चुनाव ड्यूटी से मुक्त होने के लिए लगाती रही गुहार, नही जागी किसी की संवेदना

🔴 संजय चाणक्य 

कुशीनगर। सिस्टम की संवेदनहीनता और अडियल रवैया के कारण प्रसव के अंतिम दौर से जूझ रही शिक्षिका मौत की भेट चढ गयी। कहना न होगा कि प्रसव पीड़ा मे चुनाव ड्यूटी पूरा कर घर लौटी शिक्षिका की मौत के जिम्मेदार निश्चित तौर पर स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार लोग है। काश उस शिक्षिका की गुहार को जिम्मेदारो ने गंभीरता से लेते हुए उसे चुनाव ड्यूटी से मुक्त कर दिया होता तो वह शिक्षिका आज जीवित होती और वह नवजात  मासूम अपनी माँ की आचंल से मरहुम नही होती जिसे जन्म देने के कुछ पल बाद उसकी माँ इस भरी दुनिया में छोडकर उसे भगवान को प्यारी हो गयी। सीमा पडरौना क्षेत्र जंगल बकुलहां गांव की निवासी सीता कुशवाहा जंगल सुखपुरा गांव के प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षामित्र कार्यरत थीं।

बेशक। सीमा कुशवाहा की मौत चाहे जिस कारण से हुआ हो लेकिन इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है कि सीमा की मौत के जिम्मेदार स्थानीय प्रशासन के आला हुक्मरान ही है। वजह यह है कि पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में 29 अप्रैल को संपन्न हुए मतदान मे वह ड्यूटी कर रही थी। बताया जाता है कि मतदान के एक दिन पहले वह न चाहते हुए भी मतदान केन्द्र पर पहुची थी। इससे पहले वह जिले के आला अफसरों के चौकट पर मतदान ड्यूटी से मुक्त होने के लिए प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाती रही परन्तु  किसी अधिकारियों की संवेदना उसकी पीडा देखने के बावजूद नही जगी। नतीजतन मतदान ड्यूटी करके घर लौटी  शिक्षामित्र सीमा कुशवाहा की प्रसव के बाद शुक्रवार की रात में मौत हो गई।  द्वितीय मतदान अधिकारी के तौर पर उनकी ड्यूटी दुदही ब्लॉक के ठाकुर हरकेश प्रताप सिंह इंटरमीडिएट कॉलेज में लगी थी। बूथ पर ड्यूटी करने के बाद 30 अप्रैल को जब असहनीय प्रसव पीड़ा होने लगी तो परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुचे, जहां सीमा ने एक बच्ची को जन्म दिया। उसके बाद जच्चा-बच्चा घर आ गए थे। 

🔴 चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने के लिए दिया था प्रार्थना पत्र

गौरतलब है कि शिक्षामित्र सीमा प्रसव के अंतिम दौर से गुजर रही थी। इस दौरान चुनाव मतदान मे उनकी ड्यूटी लग गयी थी। सीमा चुनाव ड्यूटी से मुक्त होने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी से लगायत अन्य जिम्मेदारो को प्रार्थना पत्र के साथ चिकित्सकीय प्रमाण पत्र संलग्न कर गुहार लगाई थी। लेकिन अफसोस किसी जिम्मेदार अधिकारी ने उसकी एक न सूनी। परिजनों का आरोप है कि चुनाव ड्यूटी काटने के लिए पत्र दिया गया था। उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। परिजनों के मुताबिक मतदान के दिन दुदही ब्लॉक के ठाकुर हरकेश प्रताप सिंह इंटरमीडिएट कॉलेज के बूथ पर पहुंची। ड्यूटी करने के बाद लौटी सीता कुशवाहा की शुक्रवार की दोपहर में करीब एक बजे अचानक तबीयत बिगड़ गई। प्रसव पीड़ा देख गांव की आशा कार्यकर्ता की मदद से पडरौना नगर के सरकारी अस्पताल में ले गए, जहां प्रसव के बाद महिला को घर भेज दिया गया। घर आने के बाद से देर रात को तबीयत ज्यादा खराब हो जाने से मौत हो गई। सीता कुशवाहा की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है। जंगल बकुलहा निवासी आशा कार्यकर्ता अनीता देवी ने बताया कि शुक्रवार को सीता कुशवाहा की अचानक तबीयत बिगड़ गई।सीता के पति संजय कुशवाहा कुशवाहा के साथ पडरौना के महिला अस्पताल में ले लेकर गई थी, जहां जच्चा बच्चा दोनों ठीक थे। सीता के घर लौटने के बाद अचानक रात में तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई।




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