राहुल - प्रियंका के लिए चार बार टिकट कटने के बाद भी सोनिया से नही की शिकायत - Yugandhar Times

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Sunday, July 20, 2025

राहुल - प्रियंका के लिए चार बार टिकट कटने के बाद भी सोनिया से नही की शिकायत

 

🔴 कांग्रेस मेरी आत्मा में बसी है - रमा

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर। तीन दशक से  उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर कांग्रेस को डूबती नांव मानकर जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता कांग्रेस से किनारा कस रहे है वही एक ऐसी शक्स है जिनका एक-दो नही बल्कि तीन बार टिकट कटने के बावजूद बिना किसी शिकवा शिकायत के आज भी कहती है कि कांग्रेस उनकी आत्मा मे बसी है। उन्हे कांग्रेस से न सिर्फ निष्ठा है बल्कि यह विश्वास भी है कि आने वाला दिन कांग्रेस का है। वह कहती है कि जिस तरह से राहुल गांधी जनता के बीच पहुंचकर भाजपा की कथनी और करनी का पोल खोल रहे है उससे मोदी सरकार घबड़ा गयी है और उनकी घबडाहट यह इशारा करती है कि अबकी बार भाजपा की बिदाई तय है। उनका कहना है कि राहुल और प्रियंका छोटे थे इस लिए चार बार टिकट कटने के बावजूद वह कभी सोनिया गांधी से इसकी शिकायत नही की।

बात कर रहे है भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे स्व. राजमंगल पाण्डेय की पत्नी रमा पाण्डेय की। रमा पाण्डेय के मुताबिक उन्हे वर्ष 1993 मे कसया विधानसभा से चुनाव लडने के लिए टिकट मिला था लेकिन उन्होने चुनाव लडने से साफ मना कर दिया था। इसके बाद वर्ष 1994 मे बतौर प्रधानमंत्री पीबी नरसिंह राव ने रमा पाण्डेय को राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया लेकिन रमा ने राज्यसभा मे जाने के बजाय बतौर कार्यकर्ता पार्टी की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने का निर्णय लिया। रमा पाण्डेय का कहना है कि कांग्रेस के प्रति बचपन से निष्ठा रही लेकिन राजमंगल पाण्डेय से विवाह के उपरांत का कांग्रेस से गहरी आस्था जुड गयी। उन्होने कहा कि वह जिला कमेटी से लगायत प्रदेश व राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी मे कार्य करने के बाद वर्ष 1995 में सोनिया गांधी के आफिस से जुडकर काम किया है। उन्होने बताया इस दौरान वह सोनिया गांधी के संपर्क मे रही, उनके करीब आने के बाद यह महसुस हुआ कि सोनिया मैडम अत्यंत संवेदनशील, संघर्षशील असाधारण महिला है। पार्टी के प्रति उनका समर्पण का भाव कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

🔴 चार बार  टिकट कटा, फिर भी सोनिया से नही की शिकायत

रमा पाण्डेय ने बताया कि सोनिया गांधी ने उन्हे चार लोकसभा का टिकट दिया था लेकिन कुछ स्वार्थी नेताओं ने अपने हित मे उनका टिकट काट दिया। इस दौरान राहुल और प्रियंका छोटे थे पार्टी के साथ साथ राहुल और प्रियंका की सम्पूर्ण जिम्मेदारी सोनिया मैडम के कंधो पर थी इस लिए पार्टी के स्वार्थपरक नेताओ द्वारा बार-बार टिकट काटने के बावजूद उन्होंने कभी सोनिया गांधी से इसकी शिकायत नही की।

🔴 अटल जी ने पेश किया था राज्यसभा 

रमा का कहना है कि वर्ष 1995 मे स्व. पाण्डेय जी की मृत्यु के पश्चात अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हे बुलाया और कहा कि मै आपके साथ काम करना चाहता हू। उन्होने कहा कि अटल जी ने उन्हें जब राज्यसभा का आफर दिया तो उन्होंने अटल जी के बडप्पन के आगे नतमस्तक होते हुए उस आफर को ठुकरा दिया। इसके पीछे वजह यह है कि सोनिया गांधी न्यायप्रिय व संघर्षशील महिला है जो कांग्रेस के प्रति पूरी तरह समर्पित है उन्हे किसी भी हालत मे नही छोड सकती।

🔴राहुल की तरह संगठन को करना चाहती हू मजबूत

रमा पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं ने अपने लाभ के लिए कांग्रेस को अन्दर ही अन्दर खोखला बना दिया है। हमारे नेता राहुल गांधी बिखरी हुई कांग्रेस को जोडने मे लगे है उनके मेहनत का नतीजा है कि कांग्रेस के प्रति आम जनमानस का रुझान बढ रहा है। वह भी संगठन मे बिना किसी पद पर रहते हुए बिना टिकट की चाह, संगठन को मजबूत करना चाहती हू।

🔴 कांग्रेस मेरी आत्मा में बसी है - रमा

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर। तीन दशक से  उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर कांग्रेस को डूबती नांव मानकर जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता कांग्रेस से किनारा कस रहे है वही एक ऐसी शक्स है जिनका एक-दो नही बल्कि तीन बार टिकट कटने के बावजूद बिना किसी शिकवा शिकायत के आज भी कहती है कि कांग्रेस उनकी आत्मा मे बसी है। उन्हे कांग्रेस से न सिर्फ निष्ठा है बल्कि यह विश्वास भी है कि आने वाला दिन कांग्रेस का है। वह कहती है कि जिस तरह से राहुल गांधी जनता के बीच पहुंचकर भाजपा की कथनी और करनी का पोल खोल रहे है उससे मोदी सरकार घबड़ा गयी है और उनकी घबडाहट यह इशारा करती है कि अबकी बार भाजपा की बिदाई तय है। उनका कहना है कि राहुल और प्रियंका छोटे थे इस लिए चार बार टिकट कटने के बावजूद वह कभी सोनिया गांधी से इसकी शिकायत नही की।

बात कर रहे है भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे स्व. राजमंगल पाण्डेय की पत्नी रमा पाण्डेय की। रमा पाण्डेय के मुताबिक उन्हे वर्ष 1993 मे कसया विधानसभा से चुनाव लडने के लिए टिकट मिला था लेकिन उन्होने चुनाव लडने से साफ मना कर दिया था। इसके बाद वर्ष 1994 मे बतौर प्रधानमंत्री पीबी नरसिंह राव ने रमा पाण्डेय को राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया लेकिन रमा ने राज्यसभा मे जाने के बजाय बतौर कार्यकर्ता पार्टी की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने का निर्णय लिया। रमा पाण्डेय का कहना है कि कांग्रेस के प्रति बचपन से निष्ठा रही लेकिन राजमंगल पाण्डेय से विवाह के उपरांत का कांग्रेस से गहरी आस्था जुड गयी। उन्होने कहा कि वह जिला कमेटी से लगायत प्रदेश व राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी मे कार्य करने के बाद वर्ष 1995 में सोनिया गांधी के आफिस से जुडकर काम किया है। उन्होने बताया इस दौरान वह सोनिया गांधी के संपर्क मे रही, उनके करीब आने के बाद यह महसुस हुआ कि सोनिया मैडम अत्यंत संवेदनशील, संघर्षशील असाधारण महिला है। पार्टी के प्रति उनका समर्पण का भाव कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

🔴 चार बार  टिकट कटा, फिर भी सोनिया से नही की शिकायत

रमा पाण्डेय ने बताया कि सोनिया गांधी ने उन्हे चार लोकसभा का टिकट दिया था लेकिन कुछ स्वार्थी नेताओं ने अपने हित मे उनका टिकट काट दिया। इस दौरान राहुल और प्रियंका छोटे थे पार्टी के साथ साथ राहुल और प्रियंका की सम्पूर्ण जिम्मेदारी सोनिया मैडम के कंधो पर थी इस लिए पार्टी के स्वार्थपरक नेताओ द्वारा बार-बार टिकट काटने के बावजूद उन्होंने कभी सोनिया गांधी से इसकी शिकायत नही की।

🔴 अटल जी ने पेश किया था राज्यसभा 

रमा का कहना है कि वर्ष 1995 मे स्व. पाण्डेय जी की मृत्यु के पश्चात अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हे बुलाया और कहा कि मै आपके साथ काम करना चाहता हू। उन्होने कहा कि अटल जी ने उन्हें जब राज्यसभा का आफर दिया तो उन्होंने अटल जी के बडप्पन के आगे नतमस्तक होते हुए उस आफर को ठुकरा दिया। इसके पीछे वजह यह है कि सोनिया गांधी न्यायप्रिय व संघर्षशील महिला है जो कांग्रेस के प्रति पूरी तरह समर्पित है उन्हे किसी भी हालत मे नही छोड सकती।

🔴राहुल की तरह संगठन को करना चाहती हू मजबूत

रमा पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं ने अपने लाभ के लिए कांग्रेस को अन्दर ही अन्दर खोखला बना दिया है। हमारे नेता राहुल गांधी बिखरी हुई कांग्रेस को जोडने मे लगे है उनके मेहनत का नतीजा है कि कांग्रेस के प्रति आम जनमानस का रुझान बढ रहा है। वह भी संगठन मे बिना किसी पद पर रहते हुए बिना टिकट की चाह, संगठन को मजबूत करना चाहती हू।

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