दो दशक पुरानी मस्जिद पर मुस्लिम समाज ने चलाया हथौड़ा - Yugandhar Times

Breaking

Thursday, July 10, 2025

दो दशक पुरानी मस्जिद पर मुस्लिम समाज ने चलाया हथौड़ा

🔵पहले तहसीलदार फिर एडीएम न्यायालय ने सरकारी जमीन खाली करने का दिया आदेश

🔴सरकारी जमीन पर अवैध मस्जिद व ईदगाह निर्मित कराने का मामला

🔵युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर। दो दशक पूर्व सरकारी जमीन पर  अवैध तरीके से निर्माण कराये गये मस्जिद और ईदगाह पर मुस्लिम पक्षकारों ने मस्जिद पर हथौड़ा चला दिया है। सबब यह है कि अपर जिलाधिकारी न्यायालय ने सरकारी जमीन से इस मस्जिद को हटाने के लिए आदेश जारी किया था। इसके बाद मुस्लिम समुदाय व मस्जिद पक्ष ने यह निर्णय लिया है। यहा बताना जरूरी है कि सरकारी जमीन पर अवैध मस्जिद निर्माण का विरोध हिन्दू पक्ष लगातार कर रहा था। 

बतादें कि जनपद के तमकुहीराज तहसील के गड़हिया चिंतामन गांव में तकरीबन बीस वर्ष पूर्व गांव के साबिर नामक व्यक्ति ने मुस्लिम समुदाय के समर्थन से सार्वजनिक रास्ते की भूमि (आराजी संख्या 645 और 648 कुल रकबा 0.010 हेक्टेयर) जो भूलेख में रास्ते के नाम से दर्ज है. इस पर अवैध रूप से  मस्जिद का निर्माण कराया गया था। सरकारी भूमि पर अवैध मस्जिद निर्माण के विरोध मे गांव के ही निवासी अरविंद किशोर शाही ने प्रशासन को लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। बताया जाता है कि अरविन्द द्वारा लगातार शिकायती पत्र देने के बाद जब कोई कार्रवाई नही की गयी तो सरकारी जमीन को खाली कराने के लिए अरविंद किशोर ने  तहसीलदार न्यायालय में एक वाद दाखिल किया। इसके बाद लगातार तारीख पर तारीख लगती रही। इसी दरम्यान सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर अभियान शुरू हो गया जिसे देख अरविन्द किशोर को न्याय की उम्मीद जगी। 

🔴जनवरी मे जमीन से बेदखल का हुआ आदेश  

वर्षो से तहसीलदार न्यायालय मे चल रहे तारीख पर तारीख वाले याचिका पर 27 जनवरी - 2025 को न्यायालय ने अरविन्द किशोर के पक्ष मे मस्जिद को अवैध करार देते हुए साबिर को बेदखल का आदेश पारित किया। इसी कडी में 20 मार्च 2025 को मस्जिद पर  नोटिस चस्पा कर 8 अप्रैल तक सार्वजनिक भूमि को खाली करने का आदेश दिया गया। नोटिस में यह स्पष्ट लिखा था कि अन्यथा की स्थिति में बुलडोजर चलाकर  सार्वजनिक भूमि को खाली कराया जाएगा। इसके बाद मस्जिद पक्ष के लोगों की बेचैनी बढ़ गई। .

🔴 मुस्लिम पक्ष की अपील खारिज 

बताया जाता है कि मस्जिद पर नोटिस चस्पा होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने अपर जिलाधिकारी न्यायालय में एक वाद दाखिल कर तहसीलदार न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। दो माह तक अपर जिलाधिकारी न्यायालय  में मुकदमा चलने के बाद मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल किये गये अपील को एडीएम न्यायालय ने  10 जून 2025 को तमकुहीराज तहसीलदार न्यायालय द्वारा पारित बेदखली के आदेश को कायम रखते हुए मस्जिद पक्ष की याचिका को  खारिज कर दिया। एडीएम ने अपने आदेश में कहा है कि न्यायालय ने सारी पत्रावली का अवलोकन किया है. सभी तथ्यों की जांच करने के बाद यह तथ्य सामने आया है कि गाटा संख्या 645 व 648 रास्ते के नाम की भूमि है। रास्ते की जमीन पर किसी भी तरह का निर्माण अवैध माना जाएगा, जो अवैध कब्जा हैं उसे हटाया जाए। मुस्लिम पक्ष की सारी दलीलों को एडीएम कोर्ट ने खारिज करते हुए तहसील प्रशासन के बेदखली के आदेश को  कायम रखने का आदेश जारी किया। 

🔴 सताने लगा था बुलडोज़र का भय

एडीएम कोर्ट से याचिका खारिज होने व तहसीलदार न्यायालय के आदेश को पालने करने के आदेश के बाद मस्जिद पक्ष के लोगो को रास्ते के जमीन पर अवैध रूप से निर्मित मस्जिद पर बुलडोजर चलने का भय सताने लगा था। नतीजतन मुस्लिम पक्ष ने अपना मजदूर लगाकर खुद मस्जिद पर हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया है.

🔴 कोर्ट के आदेश का किया सम्मान 

मस्जिद पक्ष के पक्षकार साबिर अली का कहना है की पूर्वजों द्वारा सार्वजनिक भूमि की जमीन पर यह मस्जिद निर्माण कर दिया गया था. तहसीलदार न्यायालय द्वारा इसे हटाने का आदेश पारित किया गया था. इस आदेश के खिलाफ हमने अपर जिलाधिकारी न्यायालय में गुहार लगाई थी, लेकिन वहां से भी हमे कोई राहत नहीं मिली. अपर जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा इस जमीन को खाली करने का आदेश दिया गया था  इसलिए हमने कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए रास्ते की जमीन को खाली करने का कार्य शुरू कर दिया है। 

🔴सरकारी जमीन पर बना थी मस्जिद 

वादी अरविंद किशोर शाही का कहना है कि पहले तहसीलदार न्यायालय अब अपर जिलाधिकारी न्यायालय से भी सरकारी जमीन से अवैध मस्जिद को हटाने का आदेश जारी हुआ था। मुस्लिम पक्ष ने सरकारी रास्ते की जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण करके मस्जिद और ईदगाह का निर्माण किया था जो कि उचित नहीं है. मुस्लिम पक्ष अब खुद अपने मस्जिद और ईदगाह पर हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया है।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Responsive Ads Here