🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर।जिले के कसया एनएच-28 पर स्थित सरस ग्रुप के आरएस हास्पिटल की घोर लापरवाही से मार्ग दुर्घटना में घायल हुए युवक की मृत्यु के बाद भी स्वास्थ्य महकमा कुंभकर्णी निद्रा में है। चर्चा-ए-आम है कि अब तक न तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा आरएस हास्पिटल को सील किया गया और न ही हास्पिटल प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है जो स्वास्थ्य विभाग क्रिया-कलाप पर सवाल बना हुआ है।
काबिलेजिक्र है कि बीते शुक्रवार की देर रात तकरीबन एक बजे पडरौना कोतवाली अन्तर्गत खांव खड्डा में नीलगाय से टकरा कर एक ही बाइक पर सवार नेबुआ नौरंगिया के पड़री निवासी अभय मल्ल, चंदन सिंह व अंकुर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आसपास के लोगो ने तीनो घायलो को जिला अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सको ने प्राथमिक उपचार कर घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए गाेरखपुर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया था। बताया जाता है कि गोरखपुर ले जाते समय कसया एनएच - 28 पर तमाम डाक्टरों का नाम लिखा आरएस हास्पिटल देखकर परिजन वहा रुक गये और घायलों को लेकर हास्पिटल पहुंचे जहां दो नर्स मौजूद थी। नर्स ने तत्काल डाक्टर को बुलाने की बात कहकर परिजनो से तत्काल घायलो को भर्ती कराने के लिए कहा और फिर अपने स्तर से दोनो नर्स घायलों के इलाज मे जुट गयी। परिजनो के मुताबिक कुछ घंटे बाद नर्स ने काउंटर पर एक लाख साठ हजार रुपये जमा करने के लिए कहा। परिजनो का कहना है कि रात्रि ढाई बजे से सुबह आठ बजे तक दोनो नर्स अस्पताल संचालक से बात कर डाक्टर के आने की दुहाई देकर घायलों को बिना कोई इलाज किये रोके रखा। शनिवार को सुबह आठ बजे हास्पिटल की दोनो नर्स यह कहकर एक लाख रुपये जमा करा लिया कि डाक्टर आ रहे है पैसा जमा करने के बाद डाक्टर इलाज करेगे। परिजनो ने बताया कि डाक्टर का इंतजार करते हुए शनिवार को तकरीबन दिन के नौ बजे 24 वर्षीय अभय की मृत्यु के बाद नर्सो ने हास्पिटल के संचालक से बातकर गोरखपुर ले जाने के लिए रेफर कर दिया।
🔴परिजनो को शांत कराने मे पुलिस को करनी पड़ी पांच घंटे मशक्कतबतादे कि हास्पिटल प्रशासन द्वारा बिना डाक्टर सिर्फ नर्स के भरोसे जिन्दगी और मौत से जूझ रहे घायल युवको को भर्ती कर एक लाख रुपये ऐठने के बाद इलाज के अभाव में शनिवार को तकरीबन नौ बजे जब अभय की मौत हो गयी तो परिजन आक्रोशित हो गये। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्वजनों ने हास्पिटल पर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान काफी संख्या में गांव से महिलाएं भी इकट्ठा हो गयी। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुची कसया पुलिस सुबह नौ बजे से परिवारजनों को शांत कराने व शव को कब्जे में लेने के लिए मशक्कत करती रही लेकिन उसे सफलता दोपरह के दो बजे के बाद मिली। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आरएस हास्पिटल के लापरवाही के कारण हुई मौत के बाद आक्रोशित परिवारजनों को शांत कराने मे पुलिस को पांच घंटा पसीना बहाना पडा वहा स्वास्थ्य अब तक हरकत में क्यो नही आया। सवाल यह भी उठता है कि अपनी लापरवाही से अभय को मौत की नींद सुलाने वाला आरएस हास्पिटल अभी तक सील क्यो नही हुआ? क्यो अभी तक हास्पिटल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज नही हुआ?
🔵 रिपोर्ट - संजय चाणक्य
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