मौनी अमावस्या : लाखो श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी - Yugandhar Times

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Friday, January 31, 2025

मौनी अमावस्या : लाखो श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी

 

🔴सौ काशी, एक बासी की मान्यता पर लोगो ने बासी नदी मे स्नान कर किया दान-पुण्य

🔵युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

 कुशीनगर। मौनी अमावस्‍या के मौके पर बुधवार भोर से ही पवित्र नदियों के तट पर आस्‍था का सैलाब उमड़ पड़ा। जनपद के नारायणी नदी हो या फिर बांसी या शिवाघाट हर जगह भोर से ही बड़ी तादात श्रद्धालुओं के पहुंचने और आस्था की डूबकी के साथ   दान-पुण्‍य करने का सिलसिला दिनभर चलता रहा। स्नान-ध्यान के बाद श्रद्धालुओं ने गोदान किया तथा मंदिरों में पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख-समृद्धि तथा खुशहाली की मंगलकामना की।

यूपी-बिहार सीमा पर पनियहवा रेल व सड़क पुल के नीचे नारायणी नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना की। ब्रह्ममुहूर्त से ही स्नान ध्यान, पूजा, गोदान आदि धार्मिक क्रिया-कलाप शुरू हो गया। धार्मिक मंत्रों व जयकारे से नारायणी क्षेत्र गुंजायमान रहा। बिहार, महराजगंज,देवरिया, गोरखपुर आदि जगहों से श्रद्धालु भोर में ही घाट पर पहुंचना शुरू हो गए। इस दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। मेला क्षेत्र से होकर गुजर रही ट्रेनों व स्नान करते समय नदी में कोई अनहोनी न हो, इसके लिए नाव व गोताखोरों को विशेष रूप से तैनात किया गया था। खड्डा व हनुमानगंज थाने की पुलिस टीम मुस्तैदी से मेले में तैनात रही। इसी तरह मौनी अमावस्या को लेकर सेवरही के शिवाघाट, पांडेय पट्टी घाट, गोला घाट, रुक्मिनी घाट, गौरी घाट, दमकल घाट, मलाही घाट, पिपराघाट समेत जंगली पट्टी, अहिरौलीदान, विरवट कोन्हवलिया, बॉकखॉस, बाघाचौर, जवही दयाल आदि स्थानों पर श्रद्घालुओं की भीड़ लगी रही। इन घाटों पर श्रद्घालुओं के आने का सिलसिला मंगलवार की शाम से ही शुरू हो गया था। बुधवार को हजारों श्रद्घालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर दान पुण्य की।

🔴पवित्र नदियों मे देवताओं का होता है निवास- श्रीदास

अंर्तराष्ट्रीय कथावाचक व श्री चित्रगुप्त मंदिर समिति के पीठाधीश्वर श्री दास महाराज बताते हैं कि माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन मौन रखकर नदियों में डुबकी लगाने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस मास को भी कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है। मौनी अमावस्या के अवसर पर कुशीनगर जिले के श्रद्धालु बड़ी गंडक के पनियहवा, भैसहां घाट, पिपराघाट समेत अन्य स्थलों पर डुबकी लगाते हैं। इसी तरह छोटी गंडक और बांसी नदी में भी श्रद्धालु स्नान करने के बाद दान-दक्षिणा देते हैं तथा पूजा-अर्चना करते हैं। यही नहीं यहां से काफी संख्या में भक्त नेपाल के त्रिवेणी में भी स्नान के लिए जाते हैं। आस्थावानों ने छोटी गंडक के हेतिमपुर, रगड़गंज समेत अन्य घाटों पर तथा बांसी नदी में भी डुबकी लगाई।

🔴साधु-संतो ने किया शाही स्नान, व्यवस्था चौक-चौबंद

मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार को पनियहवा घाट पर आयोजित होने वाले मां नारायणी सामाजिक कुंभ में स्नान के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला मंगलवार को दिन भर चलता रहा। दूर-दराज के लोग दोपहर बाद से मेला स्थल पर पहुंचने लगे थे। सैकड़ों दुकानदार दुकानें व्यवस्थित करने में जुटे रहे। मेला व्यवस्थापक की ओर से श्रद्धालुओं के ठहरने व भंडारा की व्यवस्था की गई है। साधु-संतों की टोली भी मंगलवार से जुटने लगी थी। सर्वप्रथम साधु-संतो ने भोर मे शाही स्नान कर शुरुआत किया। उसके बाद श्रद्धालुओं ने नारायणी मे आस्था की डूबकी लगायी। पनियहवा के दुकानदार अरविद साहनी ने बताया कि दूर-दराज से आने वाले लोग मेला घुमते है और खरीदारी करते हैं। नदी में नौका विहार कराने वाले ध्रुप साहनी ने बताया कि श्रद्धालुओं के स्नान के बाद नदी में सुरक्षित भ्रमण के लिए लाइफ जैकेट व लाइफ रिग की व्यवस्था की गयी है।

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