🔴टोल प्लाजा पर टोल ट्रैक्स देने के बजाय कसया के होटल व्यवसाय से जुडे यशवंत सिंह नामक व्यक्ति द्वारा पिस्तौल निकालकर टोल कर्मचारियों को डराने-धमकाने का मामला🔵 युगान्धर टाइम्स /आईएनए
कुशीनगर । टोल प्लाजा पर टोल ट्रैक्स देने के बजाय कसया के होटल व्यवसाय से जुडे यशवंत सिंह नामक व्यक्ति द्वारा पिस्तौल निकालकर टोल कर्मचारियों को डराने-धमकाने का वीडियो सामने आया है, जिससे टोल प्लाजा पर अफरा-तफरी मच गयी और काफी देर तक दहशत का माहौल कायम हो गया। घटना बुधवार की रात महुआडीह थानाक्षेत्र के हेतिमपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित टोल प्लाजा की है। ऐसी चर्चा है कि इस मामले को रफा-दफा करने के लिए महुआडीह थाने से मोटी डिलिंग हुई है। इस बात में कितनी सच्चाई है यह निष्पक्ष जांच से ही स्पष्ट होगा लेकिन इस बात सें इंकार नही किया जा सकता है कि सार्वजनिक स्थान पर पिस्तौल दिखाकर डराने - धमकाने वाले व्यक्ति पर अब कोई कार्रवाई न होना कही न कही मैनेज का खेल प्रतीक होता है।
बतादे कि देवरिया जनपद के महुआडीह थानाक्षेत्र के हेतिमपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल प्लाजा है। बुधवार की रात कुशीनगर जिले के कसया निवासी व होटल व्यवसायी यशवंत सिंह अपनी चारपहिया वाहन से गोरखपुर की तरफ जा रहे थे। कार मुजहना हेतिमपुर टोल प्लाजा पर पहुंची जहां बैरियर गिरा हुआ था। वाहन पर फास्ट टैग नही होने के कारण टोल कर्मचारियों ने वाहन चालक से रसीद कटवाने की बात कही इस पर गाडी में बैठे यशवंत सिंह भडक गये और हाथ मे पिस्तौल लेकर गाडी से बाहर आकर बिना टोल ट्रैक्स दिये गाडी निकालने के लिए धमकाने लगे। बताया जाता है कि जब टोल कर्मचारियों ने गाडी छोडने से इंकार किया तो मनबढ यशंवत पिस्तौल दिखाते हुए कर्मचारियों को डराने लगा जिसके वजह से टोल प्लाजा पर अफरा-तफरी मच गई। काफी देर तक दहशत का माहौल कायम करने के बाद यशवंत अपनी गाडी लेकर चलता बना। इस घटना का साक्षी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरा है जिसमे यशंवत की मनबढई की पूरी वारदात कैद है। घटना के दुसरे दिन टोल प्लाजा के मैनेजर ने सीसीटीवी फुटेज के साथ पुलिस को तहरीर देकर यशवंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगायी। सूत्र बताते है कि मामले को रफा-दफा करने के लिए यशवंत ने महुआडीह पुलिस पर मोटी रकम लुटाकर मामले को मैनेज कर लिया है जबकि विधि विशेषज्ञों का कहना है कि सार्वजनिक स्थान पर पिस्तौल दिखाकर दहशत का माहौल कायम करना गंभीर अपराध है साक्ष्य के आधार पर पुलिस बिना किसी के शिकायत पर भी मामले को स्वयं संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कर सकती है। ऐसे मे सबसे बडा सवाल यह है कि घटना के चार दिन बाद भी पुलिस अब तक यशवंत के खिलाफ कार्रवाई क्यो नही कर रही है ? कही मोटी डिलिंग वाली बात सच तो नही है? वैसे सूत्रों का दावा है कि संबंधित थाने के जिम्मेदार इस मामले को मैनेज करने के लिए चालीस से पचास हजार रुपये वसूल किये है। सूत्रों का यह दावा कितना सच है यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकता है।
🔴 आरोपी ने कहा मामला खत्म हो गयाइस संबध मे आरोपी यशवंत सिंह से जब उनका पक्ष लिया गया तो पहले उन्होंने टाल-मटोल किया फिर कहा गलती हो गयी उसके बाद उन्होंने कहा कि मामला मैनेज हो गया कही कोई बात नही है। टोल मैनेजर ने शिकायत वापस ले लिया है।
🔵 रिपोर्ट - संजय चाणक्य
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