🔴व्यवसायी व भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले रामनरेश अग्रहरी ने उठाया मुद्दा, मुख्यमंत्री पोर्टल सहित आला अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर की कार्रवाई की मांग
🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर । जनपद के कप्तानगंज स्थित रामजानकी मंदिर के महंथ द्वारा मंदिर की जमीन का पट्ठा किये जाने व किराये पर देने का मामला प्रकाश में आया है। नगर के व्यवसायी व भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद करने वाले रामनरेश अग्रहरी ने यह आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पोर्टल सहित जिले के आला अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर मंदिर के महंथ श्रीप्रकाश दास के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री पोर्टल सहित जिलाधिकारी को दिये गये अपने शिकायती पत्र मे रामनरेश अग्रहरी ने कहा है कि कप्तानगंज स्थित रामजानकी मंदिर के महंथ श्रीप्रकाश दास ने मंदिर की भूमि अराजी संख्या - 341, 457, 456, 460, 586, 530, 540, 542, 546, 2181,2185,3406, 2675 एवं 1886 नम्बर की बेशकीमती भूमि पट्टे पर दे दिया गया है जो नियम विरुद्ध अनुचित है।
🔴 चेला कैसे बन गया पुत्रशिकायत कर्ता रामनरेश ने अपने हर शिकायती पत्र में यह सवाल उठाया है कि स्वर्गीय बाबा राघवदास जो रामजानकी मंदिर के पूर्व महंथ रहे है जिनकी शादी नही हुई थी। ऐसे में वर्तमान महंथ श्रीप्रकाश दास कैसे बाबा राघवदास के पुत्र हो गये ? रामनरेश अग्रहरी का दावा है कि वर्तमान महंथ श्रीप्रकाश दास पूर्व महंथ स्वर्गीय बाबा राघवदास के शिष्य है और कुटरचित तरीके से मंदिर के जमीन के कुछ नम्बर पर न सिर्फ अपना नाम दर्ज करा लिये है बल्कि अपने आधार कार्ड पर अपने नाम के साथ पिता के स्थान पर बाबा राघवदास का नाम अंकित कराया है जो मंदिर की जमीन हडपने की इनकी षड्यंत्रकारी मंशा को जाहिर कर रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीप्रकाश दास मंदिर के पूर्व महंथ बाबा राघवदास के शिष्य है वह आधार कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज मे खुद को बाबा राघवदास का पुत्र कैसे घोषित कर लिया है। उन्होंने कहा मंदिर की जमीन दबंग व प्रभावशाली लोगो के नाम पट्टा कर महंथ श्रीप्रकाश दास मंदिर की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा रहे है, समय रहते योगी सरकार और उनके सरकारी तंत्रो द्वारा गंभीरता लेते हुए कार्रवाई नही की गयी तो आने वाले दिनो में राम जानकी मंदिर की जमीन और सम्पत्ति का नामोनिशान खत्म हो जायेगा।
🔴 समाधान दिवस मे उठाया सवाल
बीते शनिवार समाधान दिवस मे दिये गये अपने पत्र में रामनरेश अग्रहरी ने कहा है कि उनके द्वारा पूर्व मे दियें गये सभी प्रार्थना पत्रों में रामजानकी मंदिर की भूमि अराजी संख्या 341, 457, 456, 460, 586, 530, 540, 542,546,2181,2185,3406, 2675 एवं 1886 आदि की महंथ श्रीप्रकाश दास द्वारा किये के पट्टा की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की गयी थी जबकि विभाग की ओर से दो अराजी नम्बरो पर रिपोर्ट लगाकर मामले का इतिश्री कर लिया गया है।
🔴मंदिर की जमीन का मालिक सिर्फ भगवान
बतादे कि वर्ष 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि किसी भी मंदिर की जमीन पर सिर्फ भगवान का मालिकाना हक होता है, पुजारी या किसी सरकारी अधिकारी का नहीं। इसके लिए उन्होंने अयोध्या के राम जन्मभूमि फैसले का हवाला दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार की उस अधिसूचना पर अपनी मुहर लगा दी जिसमें कहा गया था कि मंदिर की जमीन का मालिक कभी उस मंदिर का पुजारी नहीं हो सकता है। दरअसल, यह अकसर देखने को मिलता है की मंदिर की जमीन पर पुजारी अपना अधिकार बना लेते हैं। सरकारी कागजात पर भी पुजारी का नाम लिख दिया जाता है. उसके बाद पुजारी अपनी मर्जी से मंदिर की जमीन को बेच देते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने यह अधिसूचना जारी की कि मंदिर के जमीन परौ पुजारी का मालिकाना हक नही होगा. पुजारी का काम सिर्फ मंदिर और उसकी जमीन का देखभाल करना है।
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