🔴 तीन देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम है।इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी।इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। इधर , केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद दिल्ली, समेत कई राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
काबिलेगौर है कि , वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सीएए को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. इसे पार्टी ने बड़ा मुद्दा बनाया था. गृह मंत्री अमित शाह हाल ही में अपने चुनावी भाषणों में कई बार नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने की बात कर चुके थे. उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा. अब केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे लागू कर दिया है।सीएए के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है. केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित एक वेब पोर्टल तैयार किया गया है. तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।
🔴सीएए अधिसूचना कब आएगी?बता दें कि आने वाले कुछ ही दिनों में आगामी लोकसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो सकता है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा देश में नागरिकता संशोधन कानून के लिए अधिसूचना जारी करना मास्टर स्ट्रोक है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है।
🔴 कब पारित हुआ सीएए कानून ?
सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन होने के कारण यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका है क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया जाना है।
🔴 किसे मिलेगी भारतीय राष्ट्रीयता?
सीएए नियम जारी होने के बाद जो लोग बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे केवल उन्हें ही केंद्र सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रीयता दी जाएगी।
🔴CAA में कौन से धर्म शामिल हैं?सीएए में छह गैर-मुस्लिम समुदायों हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं। इन्हें केवल भारतीय नागरिकता तब ही मिल सकती है, जब इन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में शरण ली हो।
🔴सीएए को लेकर क्या बोले अमित शाह और ममता बनर्जी
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए का कार्यान्वयन कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लेकर केंद्र पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पहले मुझे नियमों को देखने दीजिए। अगर लोगों को नियमों के तहत उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। यह चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार है और कुछ नहीं है।ऐसा नहीं है कि सीएए के तहत दुनिया के किसी भी देश से आए गैर मुस्लिम शरणार्थी को नागरिकता मिल जाएगा, बल्कि इस कानून के तहत केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान तीन देशों के शरणार्थियों को भारत क नागरिकता मिलेगी।
🔴 CAA की क्या है डेडलाइन
सीएए के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी।
🔴CAA से नही छिनेगी किसी की नागरिकता
एक भ्रम फैला हुआ है कि सीएए आने से किसी की नागरिकता चली जाएगी। इसकी सच्चाई ये है कि सीएए गैरमुस्लिम पड़ोसी मुल्क के शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला कानून है। सीएए के लागू होने के बाद किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं खत्म हुई है और न ही होगी। सीएए को लेकर यह भी दावा किया गया था कि सीएए के बाद एनआरसी आएगा जिसके बाद मुस्लिम समाज के लोगों की नागरिकता छीन ली जाएगी जो कि पूरी तरह से बेबुनियाद तर्क है। मोदी सरकार का संसद के पटल पर कहना है कि अभी ऐसा कुछ भी प्लान नहीं है।
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