🔴परिजनो ने हास्पिटल परिसर मे शव रखकर किया हंगामा
🔴 स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच के बाद हास्पिटल को किया सील
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । जनपद के रामकोला स्थित श्री साई हास्पिटल के चिकित्सक महेन्द्र कुशवाहा की लापरवाही ने एक महिला को असमय मौत की नींद सुला दिया। चिकित्सक की यह कारस्तानी न सिर्फ चिकित्सकीय पेशा पर सवाल खडा कर दिया है बल्कि धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक जैसे फलसफा को भी कलकिंत कर दिया है। महिला की मौत के बाद परिजन शव लेकर साई हास्पिटल पहुचे जहां काफी हो-हल्ला के बाद जिले से पहुची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हास्पिटल को सील कर अपने दायित्वों का इतिश्री किया।
🔴 क्या है मामला
जिले के रामकोला थाना अंतर्गत चंदरपुर लछिया गांव के निवासी नरेश गुप्ता की 40 वर्षीय पत्नी दुर्गावती देवी दो माह से पेट की दर्द से परेशान थी। परिजनों ने उन्हे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामकोला में दिखाया तो डॉक्टर ने जॉच कराने कि सलाह दी, जांचोपरांत दुर्गावती देवी की पित्त के थैली में पथरी तथा ओवरी में सूजन कि शिकायत मिली, तब डॉक्टर ने पीड़िता को ऑपरेशन कराने का सुझाव दिया। बताया जाता है कि इसके बाद परिजन दुर्गावती देवी को लेकर रामकोला स्थित श्री साई हॉस्पिटल पहुचे जहां रिपोर्ट देखते ही साई हास्पिटल के प्रबंधक व बीएएमएस डाक्टर महेंद्र कुशवाहा ने तत्काल ऑपरेशन कि बात कही। इस दौरान तत्काल ऑपरेशन न होने की दशा मे कोई भी घटना कभी भी घट सकती हैं जैसी बात कहकर परिजनो को दहशत मे डाल दिया। परिजनो का कहना है कि पैसे के अभाव मे एक सप्ताह बाद आपरेशन कराने की बात कही गयी इस दरम्यान डाक्टर महेंद्र कुशवाहा द्वारा बार बार फोन करके आपरेशन कराने के लिए बुलाया जा रहा था। इसके बाद परिजन इधर उधर से पैसे की व्यवस्था कर आपरेशन कराने के लिए श्री साई हास्पिटल पहुचें। परिजनो ने बताया की कागजी कोरम पूरी कर डाक्टर महेंद्र कुशवाहा ने पहले पैसा जमा कराया फिर दुर्गावती देवी को भर्ती कर आपरेशन कर दिया। परिजनो की माने तो एक सप्ताह बाद डाक्टर ने पुरा पैसा जमा कराया और दवा देकर मरीज को घर भेज दिया।
🔴 आपरेशन के बाद भी नही कम हुआ दर्ददुर्गावती देवी के परिजनो ने कि बताया आपरेशन के बाद दस दिनो तक दवा खाने के बावजूद दर्द से कोई आराम नही मिला तो फिर वह पीडिता दुर्गावती को लेकर डाक्टर के पास गये जहां डॉक्टर ने पीड़िता की सिटी स्कैन कराने की बात कही। पीडिता के परिजन दुर्गावती को लेकर पडरौना आये और यहां सिटी स्कैन कराया। इस दौरान पता चला कि पीड़िता दुर्गावती देवी की न तो पित्त कि थैली का ऑपरेशन हुआ है और न ही ओवरी का। श्री साई हास्पिटल के डॉक्टर बीएएमएस महेंद्र कुशवाहा ने पैसा लेकर सिर्फ पेट में चीरा लगाकर टांका लगाया है और दर्द की दवा देते रहे।
🔴 चिकित्सक की लापरवाही से इंफेक्शन के बाद हुआ कैंसर
ऐसी चर्चा है कि साई हास्पिटल के संचालक बीएएमएस डाक्टर महेंद्र कुशवाहा के घोर लापरवाही और चिकित्सकीय पेशा के साथ खिलवाड़ करने के वजह से दुर्गावती देवी को आपरेशन के बाद पेट में इंफेक्शन हों गया है और पीड़िता दुर्गावती देवी कैंसर कि शिकार हो गई हैं।
🔴 मृतका दुर्गावती के पति बोलेसाई हास्पिटल के संचालक महेंद्र कुशवाहा के लापरवाही के कारण असमय काल के गाल मे समाई दुर्गावती देवी के पति नरेश गुप्ता का कहना है कि डॉक्टर के लापरवाही से उनकी पत्नी को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हों गई हैं, जिसका पुरा जिम्मेदार साई हॉस्पिटल का प्रबंधक महेंद्र हुशवाह हैं। उन्होंने कहा अगर इलाज करना उनके बश मे नही था तो उन्होंने आपरेशन क्यो किया।
🔴 मृतका का बेटा बोला
मृतका दुर्गावती देवी के पुत्र दीपक ने मीडिया को बताया कि आपरेशन के बाद उसकी मां की हालात बहुत ही खराब हो गयी, डॉक्टरों ने बडे शहरो में ईलाज कराने की सलाह दिया, नही तो घर पर ले जा कर सेवा करने कि बात कही हैं, दीपक ने कहा कि डॉक्टरों ने बताया हैं कि उसकी माँ पुरी तरह कैंसर के चपेट मे है, उनकी जिन्दगी अतिंम दौर मे चल रही है। दीपक ने आरोप लगाया कि उसकी माँ की मौत साई हास्पिटल के डाक्टर की लापरवाही के कारण हुई है। साई हास्पिटल और डॉक्टर पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई डाक्टर इस तरफ की लापरवाही न करे।
🔴 नरेश मजदूरी करके परिवार का करता है भरण-पोषणकहना न होगा कि मृतका दुर्गावती देवी का कुनवा गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन यापन करते है। मृतका के पति नरेश गुप्ता गांव में ही मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पालते है। 16 वर्षीय इनका बेटा दीपक पढाई के साथ साथ अपने पिता का हाथ बटाता हैं। नरेश के पास रहने के लिए पक्के का मकान भी नही है झुग्गी झोपडी मे यह कुनबा किसी तरह से गुजर बसर करता है। दुर्गावती की मौत के बाद परिजनो ने शव को हास्पिटल ले जाकर खूब हंगामा किया। इस दौरान रामकोला पुलिस मौके पर पहुचकर आक्रोशित परिजनो को शांत कराती रही। इसके बाद जिले से पहुची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हास्पिटल की जांच कर साई हास्पिटल को सिल कर दिया।
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