🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली /ओडिशा। बालासोर जिले के बाहानगा बाजार में भीषण रेल हादसे के बाद रविवार (4 जून) को भी मरम्मत का काम जारी रहा. पूर्वी और दक्षिण भारत को जोड़ने वाली मुख्य ट्रंक लाइन से रेलगाड़ियों के क्षतिग्रस्त डिब्बे हटा दिये गये हैं और ट्रेन सेवा बहाल करने के लिए दो रेल पटरियों को दुरुस्त कर दिया गया है. इसके साथ ही इस दुर्घटना की सीबीआई (CBI) जांच की सिफारिश भी की गई है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार (4 जून) को कहा, "रेलवे बोर्ड की तरफ से अब तक मिली जानकारी के बाद इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है." उन्होंने कहा, "बालासोर दुर्घटनास्थल पर अप और डाउन दोनों रेल पटरियों की मरम्मत कर दी गई है. अप-लाइन को दुरुस्त कर दिया गया है और ओवरहेड विद्युतीकरण का काम भी शुरू हो गया है."
🔴मृतकों की संख्या हुई 280
रेलवे के अधिकारियों ने कहा, "रेल पटरियों का कम से कम एक हिस्सा अब ट्रेनों के परिचालन के लिए तैयार है, लेकिन बालासोर दुर्घटनास्थल पर लूप लाइन सहित सभी पटरियों को ठीक करने में अभी और समय लगेगा." इसी बीच ओडिशा सरकार ने ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों की संख्या को रविवार को संशोधित कर 288 से 275 कर दिया और घायलों की संख्या 1,175 कर दी. राज्य के मुख्य सचिव पीके जेना ने बताया कि कुछ शवों की दो बार गिनती कर ली गई थी।
🔴187 शवों की पहचान बाकीमुख्य सचिव ने कहा, "अब तक 88 शवों की पहचान की जा चुकी है और 78 शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया है, जबकि 187 शवों की पहचान की जानी बाकी है. शवों की उचित पहचान सबसे बड़ी चुनौती है." उन्होंने कहा, "डीएनए नमूने लिये जाएंगे और मृतकों की तस्वीरें सरकारी वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी. एनडीआरएफ की नौ टीमें, ओडीआरएएफ की पांच इकाइयां और दमकल विभाग की 24 टीम बचाव अभियान में लगी थीं, जो अब पूरा हो चुका है."
🔴बचाव कार्य पूर्ण
"विस्तृत सत्यापन और बालासोर जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद, अंतिम मृतक संख्या 275 निर्धारित की गई है." यहां डेरा डाले हुए केंद्रीय मंत्रियों- अश्विनी वैष्णव और धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को दुर्घटनास्थल का दौरा किया. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "बचाव कार्य पूरा हो गया है. हम हादसे में प्रभावित हुए लोगों को उनके घर भेजने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. मंगलवार तक यह काम संभवत: हो जाएगा."
🔴हादसे के असल कारणों का लगाया जा रहा है पता
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि दुर्घटना के असल कारण का पता लगा लिया गया है. वैष्णव ने कहा, "हादसे का कारण रही इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में जो बदलाव किया गया था, उसका पता लगा लिया गया है. टक्कर-रोधी प्रणाली 'कवच' से कोई लेना-देना नहीं है. दुर्घटना की जांच पूरी हो चुकी है और जैसे ही रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे, सभी विवरण पता चल जाएगा." वहीं रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, "हमारी टीम चौबीसों घंटे काम कर रही है. पटरियों की मरम्मत का काम जारी है. हम ओवरहेड केबल और खंभों को दुरूस्त करने का भी काम कर रहे हैं, जो उखड़ गए थे." अधिकारियों ने बताया कि पटरियों से हटाए गए यात्री डिब्बों की गहन तलाशी ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के स्टील के पुर्जों में कोई शव फंसा न रह गया हो।
🔴सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एकरेलवे अधिकारियों ने बताया कि रेलगाड़ियों के टकराने से पलटे सभी 21 डिब्बों को परिचालन सेवा से हटा दिया गया है और अब घटनास्थल को साफ किया जा रहा है. हादसे के बाद से महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के बीच यात्रियों का आवागमन और माल ढुलाई बाधित हो गई है. इस हादसे को भारत की अब तक की सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक बताया जा रहा है. बालासोर और अन्य स्थानीय अस्पतालों में शुरू में भर्ती किए गए कई मरीजों को छुट्टी दे दी गई है या उन्हें कटक, भुवनेश्वर और कोलकाता सहित मल्टी-स्पेशलिटी अस्पतालों में भेज दिया गया है.
🔴शुक्रवार शाम को हुई थी दुर्घटना
अस्पतालों के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर शवों को भी भुवनेश्वर भेज दिया गया है. कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार (2 जून) शाम करीब सात बजे लूप लाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिससे इसके (कोरोमंडल एक्सप्रेस के) अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उसी समय वहां से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ डिब्बों पर पलट गए थे।
🔴 कैसे हुआ हादसा
इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चेन्नई को जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर कर नज़दीक के ट्रैक पर जा गिरे, जहां से बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस जा रही थी। अख़बार ने दक्षिण पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि कोरोमंडल ट्रेन के बोगी नंबर बी2 से बी9, ए1 से ए2, बी1 और इंजन हादसे का शिकार हुए हैं, वहीं ट्रेन नंबर 12864 (यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस) की एक जनरल बोगी को नुक़सान पहुंचा है. जनरल बोगी और बोगी नंबर 2 पीछे की तरफ से पटरी से उतरी है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने अख़बार को बताया कि बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन से गुज़रते हुए शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए. ये डिब्बे साथ के ट्रैक से गुज़र रही हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन से जा टकराए. इसके बाद हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के भी तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। सूत्रों ने अख़बार को बताया कि बहनागा बाज़ार स्टेशन पर चार ट्रैक हैं. एक लूप ट्रैक पर मालगाड़ी खड़ी थी. दो मुख्य लाइनों पर आमने-सामने से दो ट्रेनों को पास करना था। अख़बार का कहना है कि कोरोमंडल ट्रेन के डिब्बे जब पटरी से उतरे तो उनकी टक्कर मालगाड़ी से भी हुई । स्थानीय स्टेशन अधिकारियों के हवाले से हादसे का दूसरा विवरण भी बताया गया है, जिसमें कोरोमंडल ट्रेन की जगह बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन के पहले पटरी से उतरने की बात कही गई है।
हिंदू अखबार ने भी ट्रेन हादसे को मुख्य पन्ने पर जगह दी है. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के उलट द हिंदू का कहना है कि पहले यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरे। अख़बार का कहना है कि शाम करीब सात बजे बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन नंबर 12864 (यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस) के दो डिब्बे पटरी से उतर गए और साथ के ट्रैक पर सामने से आ रही तेज़ रफ्तार ट्रेन नंबर 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) से जा टकराए, जिसके चलते कोरोमंडल ट्रेन के 17 डिब्बे पटरी से उतरे।हिंदू अखबार का कहना है कि हादसे में एक मालगाड़ी भी शामिल है. अख़बार ने ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी पीके जेना के हवाले से बताया कि कोरोमंडल ट्रेन के डिब्बे जब पटरी से उतरे तो वे मालगाड़ी से जा टकराए। कोरोमंडल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल को तमिलनाडु से जोड़ती है. ट्रेन ने हादसे से कुछ समय पहले ही शालीमार स्टेशन को पार किया था. अख़बार के मुताबिक कोरोमंडल ट्रेन में ज्यादातर वे लोग होते हैं जो काम के सिलसिले में या बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तमिलनाडु जाते है। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक शाम 6 बजकर 55 मिनट पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतरे और साथ के ट्रैक पर जा गिरे. सात बजे हावड़ा एक्सप्रेस की टक्कर इन पटरी से उतरे हुए डिब्बों के साथ हुई और ऐसे में हावड़ा एक्सप्रेस के भी दो डिब्बे पटरी से उतर गए।
🔴चश्मदीदों ने क्या बतायाकोरोमंडल एक्सप्रेस के एक यात्री ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, हम शालीमार से चेन्नई जा रहे थे. हम एस5 बोगी में थे और जिस समय हादसा हुआ उस उस समय मैं सोया हुआ था। हमने देखा कि किसी का सिर नहीं था, किसी का पैर नहीं था तो किसी का हाथ नहीं था. सब ऐसे ही पड़े थे. हादसे के समय दिमाग भी काम नहीं कर रहा था. हमारी सीट के नीचे एक दो साल का बच्चा था. हमने उसे निकालकर परिवार को दिया. उसे कुछ नहीं हुआ था।कोरोमंडल एक्सप्रेस में ही सवार दूसरे यात्री ने बताया, "हम लोग चेन्नई जा रहे थे. शाम सात बजे से दस मिनट पहले यह हादसा हुआ. हम लोग एस5 बोगी में यात्रा कर रहे थे. एस5 बोगी के लोगों को बहुत समस्या नहीं हुई. थोड़ी-थोड़ी चोट आई है."
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