🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
कुशीनगर । " हज़ारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है,बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा। अब नहीं लौट के आने वाला,घर खुला छोड़ के जाने वाला।'' समाजसेवी स्वर्गीय डाक्टर ब्रजेश चंद्र श्रीवास्तव की 21 वी पुण्यतिथि सोमवार को पैतृक आवास तरयालच्छीराम में मनाई गई। इस दौरान देश मे ख्याति प्राप्त संत स्वामी दिव्य सागर महाराज, पूर्व विधायक भाजपा नेता डाॅ. पीके राय, एडवोकेट संयोग श्रीवास्तव, पूर्व प्रधान रुद्रानंद गिरी पशु चिकित्सा विभाग के बृजेन्द्र श्रीवास्तव, संतोष पाण्डेय, राकेश श्रीवास्तव समेत लोगों ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हिस्सा लिया। मौके पर उपस्थित लोगों ने स्वर्गीय ब्रजेश चंद्र श्रीवास्तव के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पूर्व विधायक व भाजपा नेता डाॅ. पीके राय ने कहा कि स्वर्गीय ब्रजेश चद्र की सोच थी कि गरीब, असहाय और दीन-दुखियों की सेवा करना स्वयं नारायण की सेवा करने के बराबर है। इसी सोच के चलते वह दुसरो के दु:ख-दर्द मे बढचढ शामिल होकर उनका सहयोग और सेवा करते थे।
क्षेत्र के ज्योतिष्याचार्य अशोक मणि त्रिपाठी ने कहा कि डा ब्रजेश अपने जीवन काल में सदैव लोगों के लिए खड़े रहे साथ ही पेशे से चिकित्सक होने के नाते लोगों के दर्द मिटाने का काम किये। डाॅ. श्रीवास्तव के मित्र रहे पूर्व प्रधान अनिरुद्ध तिवारी ने कहा कि वो मस्त मौला ब्यक्ति थे और अपने पेशे से जीवन भर लोगों की सेवा करते रहे। पूर्व प्रधान रूद्रानंद गिरी ने कहा कि वो एक डाक्टर होने के साथ साथ अध्यात्मिक व्यक्ति भी थे उनके पास बैठकर हम लोगो काफी कुछ सीखने का मौका मिला। तरयासुजान पशु अस्पताल कर्मी बृजेन्द्र श्रीवास्तव, संतोष पांडेय ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके कार्यो की सराहना की। स्व. डाॅ. ब्रजेश के जेष्ठ पुत्र पत्रकार संयोग श्रीवास्तव ने उन्हें याद करते हुए भावुक हो उठे। उन्होंने रुंधे गले और डबडबाई आंखों से कहा कि पिता जी जीवनभर दीन-दुखियों की सेवा करते रहे, उन्हीं कार्यों की बदौलत आज भी उन्हें याद करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने उनके अधूरे सपने को पूरा करने का संकल्प लिया हैं। उन्होंने कार्यक्रम में आये लोगों का आभार व्यक्त किया।इस दौरान बिजेन्द्र श्रीवास्तव, राकेश, अवध बिहारी, बेचू, रिषि श्रीवास्तव, यश राज, ओम, सहित तमाम लोग पुण्यतिथि पर शामिल हुए।
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