🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । कभी मरीजों के परिजनो के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट करने तो कभी अपनी लापरवाही के कारण मरीजों की जान जोखिम मे डालने तो कभी पुलिस विभाग के उप निरीक्षक पर रौब दिखाने की घटना को लेकर हमेशा चर्चा मे रहने वाले जनपद के कसया क्षेत्र के गोपालगढ व पडरौना नगर के रामकोला रोड स्थित किलकारी अस्पताल के संचालक डाक्टर कमलेश वर्मा पर अपनी कारगुजारियों को लेकर पूर्व मे भी मुकदमा दर्ज हो चुका है। यह बात दीगर है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद इनके खिलाफ आगे कोई कार्रवाई नही हुई। इसके पीछे वजह यह है कि डा. वर्मा धनबल के साथ-साथ रसूखदार भी है।
काबिलेगौर गौर है कि कसया व पडरौना मे किलकारी हास्पिटल के नाम से संचालित अस्पताल के संचालक डाक्टर कमलेश वर्मा इन दिनों चर्चा मे है। सबब यह है कि बीते दिनों कसया के गोपालगढ स्थित किलकारी चिल्ड्रेन हास्पिटल हास्पिटल मे भर्ती 11 माह का मासूम शिवांश की मौत चिकित्सक के लापरवाही के कारण हुई थी। मृतक शिवांश की माँ आरोही पाण्डेय का आरोप है डा. वर्मा अक्सर पडरौना रहते है। उनके अनुपस्थिति मे खुद को जूनियर डाक्टर बताने वाले डा. शरीफ अंसारी द्वारा उनके बच्चे को देखा गया तथा डा. कमलेश वर्मा से आडियो - वीडियो कालिंग कर उनकी सलाह पर इलाज किया गया। इस दौरान बच्चे को ब्लड चढाया गया और फिर दुबारा जबरदस्ती प्रेशर मशीन से ब्लड चढाया गया तो शिवांश को सांस लेने मे तकलीफ होने लगी। पीडिता ने यह भी आरोप लगाया है कि इसके बाद जूनियर डाक्टर शरीफ अंसारी अपने सीनियर व अस्पताल के संचालक डा कमलेश वर्मा से बात कर चुपके से एम्बुलेंस बुला लिया और उनके बच्चे को गोरखपुर रेफर कर दिया । उस समय बच्चा हिल-डुल नही रहा था पूछने पर कि बच्चा जीवित है या नही डा. शरीफ ने हम लोगो को धमकाते हुए जबरदस्ती एम्बुलेंस में बैठाकर भेजवा दिया । गोरखपुर निजी अस्पताल में दिखाने पर डाक्टर ने बच्चे को मृत्यु घोषित कर दिया।
🔴 मीडिया ने प्रमुखता से उठाया
चिकित्सक की लापरवाही से बच्चे की हुई मौत के मामले को लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्रों ने प्रमुखता से उठाया। इसके बाद सीएमओ डा. सुरेश पटारिया ने डिप्टी सीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर पूरे मामले को गंभीरता से जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया है।
🔴पूर्व मे दर्ज हुआ मुकदमा
बताया जाता है कि पडरौना स्थित किलकारी हास्पिटल पर डा. कमलेश वर्मा का अक्सर मरीजो के परिजनो से विवाद होता रहा है। सार्वजनिक रूप से भी इस तरह के कई मामले उजागर हो चुके है। बीते वर्ष पडरौना कोतवाली क्षेत्र के नेहरु नगर बाडी टोला निवासी मोहम्मद परवेज पुत्र शमीम के साथ मारपीट करने के मामले मे डा0 वर्मा की खूब छिछालेदर हुई थी। चूकि नगर के छावनी स्थित परख डायग्नोस्टिक सेन्टर डा0 वर्मा की पत्नी द्वारा संचालित किया जाता है। अल्ट्रासाउंड की गलत रिपोर्ट देने को लेकर परवेज डायग्नोस्टिक सेन्टर की संचालिका डा0 पल्लवी सिंह से शिकायत करने पहुचा था। बताया जाता है कि परवेज डा0 पल्लवी के चेम्बर मे बैठकर उनसे बात कर ही रहा था, तभी पीछे से डा0 पल्लवी सिंह के पति व किलकारी अस्पताल के डाक्टर कमलेश वर्मा अपने कुछ सहयोगियों के साथ पहुचे और गाली देते हुए जांच रिपोर्ट व मोबाइल छीनकर परवेज को बेरहमी से मारने-पीटने लगे। परवेज का आरोप था कि वह किसी तरह से डा0 पल्लवी सिंह के चेम्बर से निकलकर बाहर भागा। इस दौरान पीछे से दौडा रहे डा0 वर्मा गेट पर खडे गार्ड का बन्दूक छिनकर बट से सिर पर मार दिये। जिसके वजह से वह खून से लतपथ हो गया। फिर वह किसी तरह से अपनी जान बचाकर कोतवाली भागा और अपनी आप बीती घटना तत्कालीन कोतवाल को सुनाई। यह घटना इतना सुर्खियों मे था कि आम लोगो ने मुख्यमंत्री से लगायत डीजीपी तक ट्वीट कर डा0 वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दिया। शोसल मीडिया पर भी डा0 वर्मा के कुकृत्यो के किस्से सरेआम कर कार्रवाई की मांग उठने लगी। परिणाम स्वरूप पडरौना कोतवाली पुलिस ने किलकारी अस्पताल के डाक्टर कमलेश वर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 504, 427 के तहत मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही की थी।
🔴 जांच को लीपापोती करने की कवायद शुरू
ग्यारह माह के मासूम शिवांश की मौत के बाद पीड़िता आरोपी पाण्डेय किलकारी हास्पिटल के संचालक डा. कमलेश वर्मा व जूनियर डा. शरीफ अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कसया थाने व सीएमओ को प्रार्थना पत्र देकर डा. वर्मा एंव डा. अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगायी है। हालांकि कसया पुलिस द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नही की गयी है। लेकिन सीएमओ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय टीम गठित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सूत्र बताते है कि जांच को लीपापोती करने के लिए किलकारी हास्पिटल के संचालक डा. कमलेश वर्मा खेल शुरु कर दिये है वह अपने रसूख के दम पर मामले को लीपापोती व मैनेज करने मे लगे । इस बात मे कितनी सच्चाई है यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।
🔵 इस खबर से जुडी कोई भी जानकारी का साक्ष्य के दे सकते है उस पर खबर लिखी जायेगी। साथ ही इसके आरोपी चिकित्सक द्वारा अपना पक्ष दिया जाता है तो उनका पक्ष भी इस खबर के साथ जोड दिया जायेगा।
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