🔴 पूर्व चेयरमैन को बचाने के फिराक मे है जुटी हाटा पुलिस
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । इंजीनियर आनन्द की मौत के 48 दिन गुजर जाने के बाद भी दर्ज मुकदमे मे आनन्द की मौत के प्रमुख जिम्मेदारो के कडी मे शामिल कुशीनगर के पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया व अमडिहा के पूर्व प्रधानपति ओंकार प्रसाद की अब तक गिरफ्तारी न होना हाटा पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल है? सबब यह है कि मरने वाले के आडियो मे रिकार्ड अतिंम बयान और बहन अमला के तहरीर के आधार पर दर्ज हुए मुकदमे मे मृतक आनन्द की पत्नी नीलम सिंह, साले अंगद सिंह, ससुर जीतन सिंह के अलावा कुशीनगर पूर्व चेयरमैन व अमडिया के पूर्व प्रधान पति सहित कुल ग्यारह नामजद लोगो के खिलाफ धारा 306 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है जिसमे पति, साले और ससुर को पुलिस ने घटना के दुसरे दिन ही गिरफ्तारी कर जेल भेज दिया जबकि पप्पू मद्धेशिया व ओंकार प्रसाद को गिरफ्तार करने के बजाय हाटा पुलिस उन्हे बचाने मे ऊर्जा खर्च कर रही है। इसके पीछे सूत्रो का तर्क है कि पप्पू मद्धेशिया को बचाने के लिए पुलिस मोटी रकम वसूल की है ऐसा सूत्रों का दावा है इसमे कितनी सच्चाई है यह तो निष्पक्ष जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। लेकिन इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है धुआं वही उठता है जहां आग लगती है।
कहना न होगा कि इंजीनियर की मौत, हत्या है या आत्महत्या यह रहस्य बनकर रह गया है। घटना के बाद मौका-ए- वारदात पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों व विशेषज्ञो के तर्को पर गौर करे तो मौका-ए-वारदात के नजारे यह इशारा कर रही है कि इंजीनियर को फंदे पर लटका कर आत्महत्या की कहानी गढी गयी है। हालाँकि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले मे हाटा पुलिस ने पत्नी नीलम, साले अंगद सिंह, ससुर जीतन सिंह, कुशीनगर के पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया, अमडिहा के पूर्व प्रधानपति के अलावा विश्वनाथ, गोविन्दा सिंह, विमला, सोनी, राम सुरेश नन्हे सहित अन्य अज्ञात पर आईपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर इनमे से तीन लोगो को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। कहना न होगा कि पुलिस आनन्द की मौत को आत्महत्या ही मानकर मुकदमा दर्ज की है तो दर्ज धाराओ मे सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का प्राविधान है ऐसा विधि विशेषज्ञों की राय है। ऐसे मे कुशीनगर के पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया अमडिहा के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि ओंकार प्रसाद सहित अन्य नामजद अभियुक्तों को पुलिस अब तक गिरफ्तार क्यो नही कर रही अपने आप मे एक सवाल है।
🔴 क्या है मामला
बीते 23 मई को जनपद के हाटा कोतवाली क्षेत्र के सुकरौली बाजार में इंजीनियर कुंवर आनंद सिंह की लाश उनके किराए के आवास में फंदे से लटकी हुई मिली थी। मरने से पूर्व रविवार को आनन्द अपनी बहन अमला सिंह और चचेरे भाई के व्हाट्सएप पर एक वीडियो बनाकर भेजे थे। इसमें पत्नी नीलम, साले अंगद सिंह पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया व अमडिहा के पूर्व प्रधान पर अपने घर की बर्बादी का आरोप लगाते हुए अपने मौत का जिम्मेदार ठहराया था।
🔴नामजदो की अब तक क्यो नही हुई गिरफ्तारी
जैसा कि सर्वविदित है कि आनन्द की मौत से पूर्व खुद आनन्द ने अपना वीडियो और आडियो अपनी बहन के वाट्सएप पर भेजा था जिसमे वह अपनी पत्नी नीलम सिंह साले अंगद सिंह पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया और अमडिहा के पूर्व प्रधान ओकांर प्रसाद पर अपने घर की बर्बादी व अपने मौत का जिम्मेदार ठहराया है। विधि विशेषज्ञों की माने तो आनन्द का वह अंतिम बयान था जिसे नजरअंदाज नही किया जा सकता है। हलाकि इसी आधार पर पत्नी नीलम, साले अंगद और ससुर जीतन को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है लेकिन पूर्व चेयरमैन पप्पू और पूर्व प्रधान ओंकार को अब तक पुलिस क्यो नही गिरफ्तार की है यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है
🔴 चर्चा मामला मैनेज का
मरने वाले के अंतिम बयान मे दर्ज पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया व पूर्व प्रधान ओकांर प्रसाद की अब तक गिरफ्तारी न होने के पीछे मोटी रकम के साथ मैनेज का खेल बताया जा रहा है। ऐसी चर्चा है कि घटना के दूसरे दिन इन आरोपियों मे से किसी एक ने अपने परिचित से पच्चीस लाख रुपये लिया इसके बाद इन पैसो से मैनेज का खेल शुरु हुआ। सूत्र बताते है कि पुलिस पप्पू मद्धेशिया व पूर्व प्रधान ओकांर को दोष मुक्त साबित कर मुकदमे से नाम निकालने की फिराक मे है।
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