🔴 बीते वर्ष जुलाई माह मे स्थानांतरित हुए एक सहायक व आधा दर्जन अवर अभियंता
🔴 शासन के आदेश को ठेगा दिखाकर अधिशासी अभियंता नही कर रहे स्थानांतरित अभियंताओं को रिलीब
🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर । जनपद के सिचाई विभाग के बाढ खण्ड के अधिकारियों के रसूख और ऊची पहुच के आगे शासन-सत्ता के हुक्मरान भी बौना साबित हो रहे है। सबब यह है कि यहां के सहायक व अवर अभियंताओ का इकबाल इस कदर बुलंद है कि दस माह पूर्व शासन के निर्देश पर स्थानांतरित हुए यह अधिकारी, स्थानांतरण आदेश के ठेंगा दिखाकर अवैध तरीके से दस माह से कुण्डली मारे बैठे है। इतना ही नही सांसद-विधायक से लगायत मंत्री भी सर्विस नियमावली की धज्जियां उडा रहे इन अभियंताओ के खिलाफ विभाग के हुक्मरानों से लगायत मुख्यमंत्री योगी तक पत्र लिख चुके है लेकिन किसी मे इतना दम नही दिखा जो इन रसूखदारो को यहा से हिला सके। चर्चा-ए-सरेआम है कि शासन-सत्ता के आदेश को यहा का अधिशासी अभियंता महेश कुमार सिंह कुछ नही समझे है। मतलब यह कि शासन के आदेश पर अधिशासी अभियंता की मर्जी भारी है इस लिए स्थानांतरित हुए सहायक व अवर अभियंताओ को अभी तक कार्य मुक्त नही किया जा रहा है। ऐसे मे कहना मुनासिब होगा कि इन मनबढ अधिकारियों के सामने योगी सरकार भी नतमस्तक है।
काबिलेगोर है कि वर्ष 2021 के जुलाई माह मे शासन द्वारा जारी पत्र संख्या - 141/ई-2/171/विविध /स्वा0/2021 दिनांक - 12 जुलाई - 2021 एंव पत्र संख्या - 1404/ई-7/अवर अभियंता /स्वा0 दिनांक - 14 जुलाई - 2021 मे मुख्य अभियंता द्वारा सहायक अभियंता अमोद कुमार, अवर अभियंता संजय कुमार मौर्य, राजेश कुमार सिंह, अवर अभियंता पारसनाथ व अवर अभियंता राकेश कुमार, वीरेंद्र प्रताप सिंह आदि का स्थानांतरण किया गया है। मजे की बात यह है कि दस माह पूर्व स्थानांतरित हुए सहायता व अवर अभियंताओं का अभी भी कुशीनगर से मोहभंग नही हुआ है। नतीजतन यह सभी अभियंता अपनी ऊँची पहुँच और रसूख के दम पर स्थानांतरण के बाद भी दस माह से कुण्डली मारे बैठे है। विभागीय सूत्रो की माने तो इन मनबढ अधिकारियों को इनके विभाग के अधिशासी अभियंता महेश कुमार सिंह का बदहस्त प्राप्त है। चर्चाओ के बाजार मे इस बात की चर्चा राजधानी के विभागीय गलियारों मे है कि अधिशासी अभियंता महेश कुमार सिंह अपने आला अफसरों को कुछ नही समझते है। इनकी दबगई और मनबढई का आलम यह है कि शासन के स्थानांतरण निर्देश के बावजूद शासन के आदेश को ठेगा दिखाते हुए यह साहब सभी स्थानांतरित अभियंताओं को अपने मर्जी से यहा रोक रखा है और अभियंताओं को अब तक कार्य मुक्त नही किया। जबकि इनके आला अफसरो का कहना है कि स्थानांतरण सर्विस नियमावली की एक प्रक्रिया है शासन के मंशा के अनुरूप स्थानांतरित सहायक व अवर अभियंताओ को कार्य मुक्त हो जाना चाहिये था अब तक क्यो नही हुए आश्चर्य की बात है। कहने वाले तो यह भी कहते है कि स्थानांतरित हुए इन सभी अभियंताओ की अधिशासी अभियंता महेश कुमार सिंह की कमीशनखोरी की ट्यूनिंग मजबूत होने के वजह से यह इन सभी अभियंताओ को यहां से रिलीब नही कर रहे है। स्थानांतरण के बावजूद अवैध तरीके से दस माह से यहा जमे सहायक व अवर अभियंताओ को यहा से रिलीब करने के संदर्भ मे सासंद विजय दूबे ने अवर अभियंता पारसनाथ व अवर अभियंता वीरेन्द्र प्रताप सिह सहित अन्य के खिलाफ प्रमुख अभियंता सिचाई एंव जल संसाधन को पत्र लिखा था जिसमे उन्होंने अभियंताओ को जनपद मे दस वर्षों से कुण्डली जमाकर भ्रष्टाचार को बढावा देने, ठेकेदारी कराने की बात कही है। सासंद ने इनके खिलाफ जांच कर कार्रवाई की बात भी दोहरायी है इसके बावज़ूद अब तक इन रसूखदारो के खिलाफ को कार्यवाही नही की गयी और न ही इन्हे कार्य मुक्त किया गया।
🔴 अधिशासी अभियंता के खिलाफ मुख्यमंत्री से शिकायत
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पूर्व विधान परिषद सदस्य राम अवध यादव व वर्तमान सांसद विजय दूबे ने अधिशासी अभियंता महेश कुमार सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर शिकायत की थी। इन नेताओ ने अधिशासी अभियंता पर अपने अधिनस्थ एंव सहयोगियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को बढावा देने, महत्वपूर्ण योजनाओं मे नियम को ताक पर रखकर सरकार की छवि घूमिक करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए अनुरोध किया है लेकिन आज तक इस इस रसूखदार अधिकारी पर कोई कार्रवाई नही की गयी। स्थानांतरित हुए सहायक व अबर अभियंताओ का कहना है कि विभाग हमे रिलीब नही कर रहा है इस लिए हम यहा है जिस दिन रिलीब कर देगा हम चले जायेगे।
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