🔴 सूचना पाकर फौरन मौके पर पहुंची पुलिस
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो
कुशीनगर। जनपद के बरवापट्टी थानाक्षेत्र मे शुक्रवार की रात दो सौ लोगों की जिंदगी पांच घंटे तक नारायणी नदी की बीच मझधार मे अटकी रही। हुआ यह कि शुक्रवार को रेता इलाके में खेती करके बड़ी नाव से घर लौट रहे थे। शाम करीब सात बजे बीच मझधार में नाव का इंजन खराब होकर बन्द हो गया लोगों की सांसें अटक गई क्योंकि नाव अनियंत्रित होकर पानी मे विपरीत धारा मे बहने लगी। प्रसासन को सूचना देने के बाद भी जिला प्रशासन या तहसील से कोई जिम्मेदार मौके पर नही पहुचा। पुलिस और स्थानीय लोगो के साथ क्षेत्रीय विधायक अजय लल्लू ने मोर्चा संभाला और लगभग 12 बजे तक दूसरी नावों से सभी लोगो को सुरक्षित निकाल लिया गया।
कहना न होगा कि तमकुहीराज तहसील के बरवापट्टी थानाक्षेत्र का इलाका बिहार सीमा से बिल्कुल सटे है। इस पार के लोगों की खेती बिहार में बडे पैमाने पर है। लिहाजा खेती करने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग उस पार जाते हैं। ऐसे मे कहना लाजमी होगा कि यहा के बाशिंदों को नदी उस पार जाना दिनचर्या में शुमार हैं । महत्वपूर्ण बात यह है कि अब तक के सभी सरकारो के द्वारा लोगो की इस पार से उस पार जाने के लिए कोई उचित प्रबंध न किये जाने से किसानों को मजबूरन अपने खेतों की बुआई और कटाई सम्बंधित उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, बैलगाड़ी आदि उस पार ले जाने के लिए बड़ी बड़ी नावों के सहारे नारायणी नदी पार करते है। उसी दिनचर्या के तहत शुक्रवार को तमकुहीराज तहसील के गाँव बर्वापट्टी,बिचपटवा,धोबिघटवा,जमुआन इलाके के लगभग दो सौ लोग बड़ी नाव पर ट्रैक्टर रखकर रेता उसपार से खेती करके वापस लौट रहे थे । तभी नारायणी नदी के बीचो-बीच जब नाव पहुची तो ईंजन तकनीकी खराबी के कारण बन्द हो गयी जिससे नाव अनियंत्रित होकर पानी के बहाव के साथ विपरीत दिशा मे जाने लगी जिससे लोगो मे अफरातफरी मच गई । नाव पर फसे लोगो ने किसी तरह गांव के लोगो को सूचना दिया । ग्रामीणों ने पुलिस और स्थानीय तहसील प्रशासन को सूचना देकर बचाव में जुट गए। स्थानीय पुलिस मौके पर पहुची और लोगो के साथ रेस्क्यू करने लगी लेकीन तहसील और जिला प्रशासन भी भूमिका ना के बराबर रही । करीब रात बारह बजे तक रेस्क्यू चला।
🔴 अफरातफरी की कहानी ग्रामीण के जुबानीनाव पर मची अफरातफरी और रोंगटे खडें करने वाली चीख पुकार को झेलकर सुरक्षित नदी से निकले जोगेंद्र ने बताया कि हम चार बजे रेता इलाके से नाव में सवार होकर करीब दो सौ लोग घर लौट रहे थे बीच नदी में नाव का इंजन खराब होकर बन्द हो गया और नाव पानी की भाव के साथ बहने लगी। पुलिस प्रशासन किसी तरह स्थानीय लोगो के साथ हमे दूसरे घाट पर रेस्क्यू किया। अभी भी हमारी साइकिल, मोटरसाइकिल और दो ट्रैक्टर नदी में ही है हम बाहर आकर थोड़ा राहत महसूस कर रहे हैं। अब हम घर जा रहे जो करीब 5 कोस (15 कि.मी.) दूर है कोई साधन नही है घर पहुचते सुबह हो जाएगी। सरकार अगर स्थाई पुल या पीपा पुल ही बना देती तो हम लोगो को इस तरह हर बार जाम हथेली पर रखकर खेतो में नही जाना पड़ता।
🔴 सूचना मिलते मौके पर पहुंचे विधायकनारायणी नदी की मझधार में 200 लोगो के फसे होने की सूचना पर तहसील व जिला प्रशासन तो नही पहुचा लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व स्थानीय विधायक अजय कुमार लल्लू मौके पर पहुच बचाव में जुटे रहे बाद में मीडिया से बात करते हुये सरकार और प्रसासन को सवेदनहीन बताया और कहा कि वो काफी बार विधानसभा मे इस घाट पर पुल बनाने की मांग कर चुके हैं मगर सरकार की ओर से कोई सार्थक पहल नहीं हुई। यही कारण हैं एक बडा इलाका बिहार सीमा से सटे नदी के किनारे है। ऐसे में हर साल की ये समस्या है। जान जोखिम में डालकर खेती करना सीमावर्ती क्षेत्रों में बसे लोगों की मजबूरी है।
🔴 इसके पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
इससे पहले बीते 18 जून को भी नारायणी नदी के बीच मंझधार मे स्टीमर के इंजन फेल होने के कारण नाव नदी मे फस गयी थी उस समय बेहद नाजुक हालत पैदा हो गया था। बड़ी मुश्किल से लोगो को देर रात तक निकाला गया था। मौके पर जिलाधिकारी तंक पहुचे थे।
🔴 नारायणी पर पुल ही है स्थायी समाधाननारायणी नदी में हर साल आने वाली बाढ़ तथा लोगो के प्रभावित होने की घटना यहाँ की आबादी की दिनचर्या में शुमार है। खेती के सहारे जीवन यापन करने वाली यहाँ की आबादी को रोजाना दिक्कतों से दो चार होना पड़ता है। ऐसे में नारायणी पर पक्का पुल ही स्थायी समाधान है।इसकी मांग भी वर्षो से हो रही है।
No comments:
Post a Comment