🔴 राष्ट्रीय अध्यक्ष को करनी पडा हस्तक्षेप
🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर। सूबे की सत्ता पर आसीन होने की गरज से विजय रथयात्रा लेकर जनता की मिजाज टटोलने कुशीनगर दो दिवसीय कार्यक्रम मे पहुचे सपा मुखिया अखिलेश यादव के सामने ही पार्टी के दो दिग्गजों की आपस मे भीडने की घटना इन दिन राजनीतिक गलियारों मे चर्चा का विषय बना हुआ। घटना के दिन दिग्गज के विवाद की शुरू हुई कानाफूसी अब लोगो की जुबान पर सरेआम हो गयी है। शायद यही वजह है कि सपा मुखिया के सामने भिडे दो दिग्गजो का मामला जितनी मुंह उतनी बाते के तर्ज पर वायुमंण्डल तैर रही है।
काबिलेगोर है कि सूबे मे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गर्माई हुई है। इसी मे समाजवादी पार्टी को अपने ही नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है, जो आने वाले विधानसभा चुनाव मे सपा के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। कहना न होगा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए परम्परागत टोटका को आगे बढाते हुए बीते दिनों कानपुर से विजय रथयात्रा की शुरुआत की है। तीसरे चरण मे गोरखपुर से कुशीनगर रथ लेकर पहुचे सपा मुखिया को यह तनिक भी आभास नही होगा कि उनके सामने ही उनके ही पार्टी दो दिग्गज नेता आम कार्यकर्ताओं की तरह तू-तू, मै-मै करते हुए एक-दुसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बौछार कर हाथापाई पर उतर जायेगे। प्रत्यक्षदर्शी सूत्रों की माने तो कुशीनगर मे समाजवादी विजय यात्रा के दो दिवसीय कार्यक्रम के दुसरे दिन सपा के जो दो नेता आपस मे हाथापाई पर उतारू हुए थे वह दोनो नेता समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते है। यही कारण है कि इन दोनो नेताओ का अखिलेश यादव भी बडी शिद्दत से सम्मान करते है। सूत्र बताते है कि बीते दिनो राजधानी मे भी इन दोनो नेताओ ने पार्टी मुखिया के सामने अपनी दुश्मनी और नाराजगी का खुला प्रर्दशन कर चुके है। बताया जाता है कि उस समय भी पार्टी प्रमुख पार्टीहित को ध्यान मे रखते हुए दोनो दिग्गजों की बढती दुश्मनी पर बर्फ रखने का कार्य किया था। कुशीनगर मे आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के दुसरे दिन मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दावेदार प्रत्याशियों के साथ बैठकर विजय यात्रा व आगामी विधानसभा चुनाव मे भाजपा को पटखनी देने की योजना पर समीक्षा कर रहे थे तभी एक दिग्गज नेता ने वहा बैठे दुसरे दिग्गज नेता पर पार्टी का गद्दार है कहकर अपने गुस्से का इजहार किया, जिसके जबाब मे वहा मौजूद कद्दावर नेता ने कहा कि हम ही नेताजी(मुलायम सिंह यादव) को जूता-चप्पल दिखाये थे, हम ही कूद-कूद कर दल बदले है। इसके बाद दोनो दिग्गजो मे आरोप-प्रत्यारोप शुरू हुआ और देखते ही देखते विवाद इनका बढ गया कि नौबत हाथापाई तक पहुच गयी जिसको ध्यान मे रखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पडा। सूत्र बताते है कि मामला इस पर भी जब शान्त नही हुआ तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कडा रुख अख्तियार करते हुए एक दिग्गज नेता को बडी अदब से बाहर जाने की बात कही तब जाकर मामला किसी तरह से शान्त हुआ। जनपद के एक ही पार्टी के दो दिग्गजों के आपसी दुश्मनी का यह किस्सा अब लोगो की जुबानी जितनी मुह उतनी बाते की तर्ज पर एक दुसरे के सामने परोसा रहा है। ऐसे मे यह कहना लाजमी होगा कि दो दिग्गजों का आपसी विवाद समय रहते ही नही सुलझा तो इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव मे सपा के लिए मुसीबत खडी कर सकती है।
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