🔴 बीमार, वृद्ध और वीआईपी सैलानियों के सुविधा के मद्देनजर लिया गया निर्णय
🔴 श्रावस्ती मे 1525 मीटर लंबा व 60 मीटर चौडे रन-वे पर हेलीकॉप्टर के साथ दौड़ेगी चार्टर प्लेन
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो
कुशीनगर।भगवान बुद्ध की अनुवाई व बौद्ध देशों के पर्यटकों की सुविधा के लिए कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से बौद्ध तीर्थ स्थली श्रावस्ती व लुंबनी (नेपाल) के लिए जल्द ही हेलिकॉप्टर व चार्टर प्लेन सेवा शुरू होगी। इसके लिए लुंबनी के नजदीक श्रावस्ती में राज्य सरकार 1525 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़े रन-वे का निर्माण करा रही है।
काबिलेगोर है कि कुशीनगर स्थित भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण मन्दिर में बुद्ध की पांचवी शताब्दी की शयनमुद्रा वाली प्रतिमा व मुकुटबन्धन स्तूप समेत अनेक बुद्धकालीन स्मारक व धरोहरो के दर्शन पूजन के लिए थाईलैंड, जापान, श्रीलंका, म्यांमार, ताइवान, सिंगापुर, मलेशिया, भूटान आदि बौद्ध देशों के श्रद्धालु आते हैं। इसके बाद श्रद्धालु व पर्यटक यहां से बुद्ध की जन्मस्थली लुंबनी, श्रावस्ती व कपिलवस्तु भी जाते हैं। कहना न होगा कि तीनों स्थल कुशीनगर से 250 से 300 किमी की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग से इन स्थलों पर आने-जाने में पर्यटकों का दो दिन का समय लग जाता है। इस कारण वीआईपी पर्यटक समयाभाव के कारण कुशीनगर से ही वापस लौट जाते हैं। खासकर वृद्ध व बीमार पर्यटक चाह कर भी सड़क मार्ग से इन स्थलों की यात्रा नही कर पाते थे। हेलिकॉप्टर व चार्टर प्लेन सेवा शुरू होने के बाद इन पर्यटक स्थलों पर महात्मा बुद्ध की दर्शन पूजन करने जाने के लिए वीआईपी पर्यटकों का समय बचेगा, साथ ही बृद्ध व बीमार पर्यटकों की यात्रा भी सरल व सुलभ हो जाएगी । हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाता कम्पनी पवन हंस ने कई साल से उड़ान की योजना तैयार कर रखी है। कम्पनी का एक दल सर्वे भी कर चुका है। बौद्ध सर्किट में हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने के लिए खुद तत्कालीन पर्यटन व संस्कृति मंत्री डाॅ. महेश शर्मा ने 25 सितम्बर-2015 को नई दिल्ली में केंद्र सरकार के 12 महत्वपूर्ण मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। एयरपोर्ट निदेशक कुशीनगर व नोडल अधिकारी श्रावस्ती एके द्विवेदी की माने तो श्रावस्ती में रन-वे का कार्य लगभग पुरा होने के कगार पर है। शेष कार्य पूरे होने के करीब है। श्रावस्ती, बौद्ध सर्किट का महत्वपूर्ण अंग है। ऐसे में चार्टर प्लेन व हेलिकॉप्टर सेवा शुरू होने का पूरा पूरा स्कोप है।
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