कुशीनगर । वर्दी की धौस दिखाकर मुफ्त मे डीजल मांगने वाले थानेदार पवन सिंह के खिलाफ विभाग के हुक्मरानों ने कार्रवाई करते हुए लाइन हाजिर कर दिया है। जनपद के सबसे बिगड़ैल थानेदारो मे शुमार पवन सिंह पर यह कार्रवाई विभाग द्वारा उस समय की गयी है जब उनके थाने का एक दरोगा तीन दिन पहले उसी पेट्रोल पंप पर जाकर रिवाल्वर लहराते हुए पंप के कर्मचारियों व मैनेजर के साथ न सिर्फ बदसलूकी की बल्कि वहा काफी हंगामा भी किया था। दरोगा के इस कारनामे का वीडियो वायरल होने के बाद विभाग ने पहले उस दरोगा को निलंबित किया उसके बाद आगे की कार्रवाई करते हुए थानेदार की थानेदारी छीन पुलिस लाइन का रास्ता दिखाकर पुलिस प्रशासन की हो रही छिछालेदर को शांत करने का प्रयास किया है। हालांकि पेट्रोल पंप पर उत्पाक मचाने वाले उपनिरीक्षक ने एक वीडियो मे पेट्रोल पंप पर हुई घटना की माफी मागते हुए यह कह रहे है कि वह जो कुछ भी किए वह थानाध्यक्ष पवन सिंह के निर्देश पर किए थे। क्योंकि उस पेट्रोल पंप ने थानाध्यक्ष पवन सिंह को मुफ्त मे पचास लीटर पेट्रोल नही दिया था और मामले की डीआईजी स्तर से जांच चल रही थी जिससे थानाध्यक्ष पवन सिंह खार खाए हुए थे। ऐसे मे सवाल उठना लाजमी है कि जब पुलिस वाले ही खाकी की आड मे इस तरह के घिनौनी कृत को अंजाम देने लगेगे तो फिर इन कानून के रखवालो और पेशेवरों अपराधियों मे क्या फर्क है।
🔴 क्या है मामलाकाबिलेगोर है कि अप्रैल माह आखिरी सप्ताह मे जिले के नेबुआ-नौरंगिया थानाध्यक्ष पवन सिंह ने अपने थाना क्षेत्र के एक पेट्रोल पंप संचालक से वर्दी का धौस दिखाकर मुफ्त मे पचास लीटर डीजल मांगा था। इस प्रकरण से संबंधित एक आडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ था। 17 मिनट 22 सेकंड के ऑडियो में नेबुआ नौरंगिया थानाध्यक्ष पवन सिंह व पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष आदित्य त्रिपाठी के बीच हुई बात का जिक्र था नरमी पूर्वक शुरू हुई इस बातचीत मे हो-हल्ला और अश्लील शब्दों का भी खूब प्रयोग हुई है। लेकिन अश्लील शब्दों का जो भी प्रयोग किया गया है वह सिर्फ थानाध्यक्ष पवन सिंह की ओर से किया गया है। इस बातचीत मे एसोसिएशन अध्यक्ष आदित्य त्रिपाठी, थानेदार से यह कहते सुने जा रहे हैं कि आप अपने क्षेत्र स्थित एक पेट्रोल पंप संचालक से फ्री में डीजल की मांग कर रहे हैं। इस पर थानेदार पवन सिंह इससे इंकार करते हुए कह रहे हैं कि चुनाव में पेट्रोल पंप संचालक से सहयोग के लिए कहा गया था। जबरदस्ती डीजल नहीं मांगा गया है। इस बात को लेकर दोनों पक्ष अपनी अपनी बात रखते है। इस पर एसोसिएशन के अध्यक्ष नियम-कानून का दुहाई दे रहे हैं। इस पर थानेदार द्वारा यह कहा जा रहा है कि जब वह पडरौना मे कोतवाल के रूप मे तैनात थे तो वह किसी भी पेट्रोल पंप से चालीस-पचास लीटर डीजल-पेट्रोल लेते रहते थे। लंबी बातचीत के दरम्यान थानाध्यक्ष पवन सिंह कई बार अपशब्द का भी प्रयोग कर रहे है। एसोसिएशन अध्यक्ष इसका विरोध भी कर रहे है परन्तु थानाध्यक्ष पर इसका कोई असर दिखाई नही पडता। उसके बाद पूरे प्रकरण को एसोसिएशन अध्यक्ष आदित्य त्रिपाठी ने पुलिस अधीक्षक सचिंद्र पटेल व एडीजी जोन गोरखपुर अखिल कुमार को ऑडियो भेजकर मामले में कार्यवाही की मांग की थी। सूत्र बताते है कि शुरुआती दौर मे इस मामले की सीओ कर रहे थे। इसी दौरान एसोसिएशन ने थानाध्यक्ष पवन सिंह के कारगुजारियों की लिखित शिकायत पुलिस के उच्चाधिकारियों को देते हुए कार्रवाई की मांग की थी। सूत्र बताते है कि मामले को गंभीरता से लेते डीआईजी स्तर से भी इसकी जांच चल रही थी। इसी दरम्यान 13 मई की रात तकरीबन साढे नौ बजे लक्ष्मीपुर स्थित रामायण फिलिंग पेट्रोल पंप पर सादे ड्रेस मे पहुचे उप निरीक्षक अजय सिंह अपना सर्विस रिवॉल्वर लहराते हुए पंप कर्मियों के साथ बदसलूकी करते हुए जान से मारने की धमकी दी, उन्हे रिवाल्वर दिखाकर दौडाया और मैनेजर के केबिन मे जाकर उत्पाक मचाया। आरोप यह भी है कि दरोगा अजय सिंह ने रिवाल्वर की बट से मैनेजर के पेट मे कई बार प्रहार भी किया था। उप निरीक्षक के यह कारनामे वहा लगे सीसीटीवी मे कैद हो गया। दुसरे दिन जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस प्रशासन की खूब छिछालेदर हुई। इस दौरान यह चर्चा भी जोरो पर थी कि इस घटना के पीछे थानाध्यक्ष पवन सिंह का बदला छिपा हुआ था। क्योंकि थानाध्यक्ष ने इसी पेट्रोल पंप से पचास लीटर मुफ्त मे डीजल मांगा था और डीजल न मिलने से वह खार खाए हुए थे। फिर क्या विभागीय आला अफसरों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पहले पेट्रोल पंप पर उत्पाक मचाने वाले दरोगा अजय सिंह को निलंबित किया। उसके बाद अब पुलिस की छिछालेदर कराने वाले बिगड़ैल थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया है।
(क्रमशः)
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