🔴 युगान्धर न्यूज व्यूरो
कुशीनगर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे निर्वाचित होने के बाद भी जिले के 67 ग्राम पंचायतों मे ग्राम प्रधान शपथ ग्रहण नही कर सकेंगे। शासन के निर्देश के बाद जहां पंचायती राज विभाग आनलाइन शपथ ग्रहण की तैयारी मे जुटा है वही इन ग्राम पंचायतों मे निर्वाचित प्रतिनिधियों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है। वजह यह है कि इन ग्राम पंचायतो मे ग्राम सदस्यो की संख्या दो-तिहाई से कम होने के कारण निर्धारित कोरम पुरा नही हो रहा है। नतीजतन गठन से वंचित इन ग्राम पंचायतो के चुने गये ग्राम प्रधानों को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उप चुनाव कराए जाने कि इंतजार करना पडेगा। यही वजह है कि अभी इन ग्राम पंचायतों में शपथ नहीं दिलाई जाएगी
काबिलेगोर है कि पंचायती चुनाव के दौरान कई ग्राम पंचायतों के प्रधान प्रत्याशियों ने अपने हिसाब से चहेतों को सदस्य का चुनाव लड़ाया था। ग्राम पंचायत के कई वार्डों से सदस्य का निर्विरोध चुनाव कराने के उद्देश्य से केवल एक ही उम्मीदवार का पर्चा दाखिल कराया गया था। ऐसे कई उम्मीदवारों का उनकी गलतियों से नामांकन खारिज हो गया। कई ऐसे नये प्रधान के उम्मीदवार भी थे, जिन्हें दो तिहाई सदस्यों के कानून की जानकारी नहीं थी। उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए उनके गांव में सदस्य संख्या बेहद कम रह गयी। इसी तरह कई प्रधान उम्मीदवारों ने जिन पर दांव लगाया वह अंत में खुद अपनी गलतियों से पर्चा दाखिल नहीं कर पाए। जनपद मे कुल 1003 ग्राम पंचायतो मे से ऐसे कुल 67 गांवों में ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या दो तिहाई से भी कम है। ऐसे में यहां अभी प्रधानों को शपथ नहीं दिलाई जाएगी। पंचायती राज्य एक्ट के अनुसार ग्राम पंचायत में किसी भी निर्णय के लिए दो तिहाई सदस्यों की मंजूरी जरूरी होती है। बिना इस कारोम के पूरा हुए काम कराने का अधिकार प्रधान को नहीं है।
🔴 जिले के इन ब्लाकों मे इतने गांव में नहीं हो पाएगा शपथ ग्रहणगौरतलब है कि जनपद के नेबुआ नौरंगिया मे चार गांव, दुदही मे दो गांव, सुकरौली मे नौ, रामकोला मे एक, सेवरही मे दो,मोतीचक मे नौ, पडरौना मे पांच गांव, तमकुहीराज मे सात गांव, हाटा मे चार, विशुनपुरा दो, कप्तानगंज मे पांच गांव के अलावा फाजिलनगर व्लाक जहा सबसे ज्यादा सत्रह गांव ऐसे है यहा ग्राम पंचायत सदस्यो का दो-तिहाई बहुमत नही होने के कारण इन ग्राम पंचायतों मे शपथ ग्रहण नही दिलायी जाएगी।
🔴 डीपीआरओ बोले-
जिला पंचायतीराज अधिकारी राघवेंद्र दिवेदी का कहना है कि जिले के 67 गांवों में ग्राम पंचायतें अभी असंगठित मानी जाएंगी। आयोग के निर्देश पर इन ग्राम पंचायतों में रिक्त सदस्यों के पद पर चुनाव कराए जाएंगे। इसके बाद ही यहां के निर्वाचित प्रधान अपने अधिकारों का प्रयोग कर कोई कार्य करा सकेंगे।
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