🔴 सीने मे दर्द के बाद माफिया मुख्तार की बिगडी हालत
🔵 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार की रात हार्ट अटैक के बाद मौत हो गई। बांदा जेल में बंद मुख्तार की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज लेकर आया गया, जहा इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी ने दम तोड़ दिया। प्रशासन की ओर से मौत की पुष्टि कर दी गई है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे उत्तर प्रदेश में एहतियातन धारा 144 लागू कर दी गई है। मऊ, गाजीपुर और बांदा में सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है। मुख्तार अंसारी की इस सप्ताह दूसरी बार तबीयत बिगड़ी थी। पहली बार चेकअप के बाद वापस जेल भेजा गया था, जहां गुरुवार को फिर तबीयत खराब हो गई। चेकअप में हार्ट अटैक की आशंका के बाद एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस-प्रशासन के कई बडे अधिकारी मौके पर पहुच गये है।
बांदा जेल में बंद मुख्तार की तबीयत खराब होने पर उसके भाई अफजाल अंसारी ने मारने का आरोप लगाया है। मीडिया से बातचीत के दौरान अफजाल ने कहा था कि कई सालों से मुख्तार को मारने की साजिश रची जा रही है। अफजाल ने कहा था कि एक बार गाजीपुर में ही बम बनाते समय विस्फोट हो गया, जिसमें एक मौत भी हुई थी। दिल्ली पुलिस ने एक अपराधी को पकड़ा था जिसने कबूल किया था कि उसे पांच करोड़ रुपये मुख्तार को उड़ाने के लिए दिए गए थे। इसके अलावा भी कई घटनाएं हैं जिसमें मुख्तार को मारने की कोशिश की गई। सांसद ने कहा था कि यह सब बृजेश सिंह को बचाने के लिए किया जा रहा है। क्योंकि वर्ष 2001 में उसरी चट्टीकाड में मुख्तार पर हुए हमले में बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह के खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है। इन लोगों को सजा न हो, इस लिए घटना के 22 साल बाद मुख्तार और उस केस में शामिल गवाहों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। सरकार जानती है कि उसरी चट्टीकांड के केस में अगर बृजेश को बचाना है तो मुख्तार को खत्म करना होगा। मुकदमे में गवाही देने से पहले मुख्तार को मारने की साजिश है।
🔴 अपनी जान की सुरक्षा के लिए मुख्तार लगा चुका था गुहारबांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी पर गैंगेस्टर के कई मुकदमे चल रहे हैं। मुख्तार को हमेशा ही अपनी जान का खतरा सताता रहता था। यही वजह है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी पर आता था। इस दौरान मुख्तार कोर्ट से जान का खतरा बताते हुए कई बार सुरक्षा का गुहार भी लगा चुका था। आठ दिन पहले बाराबंकी की एमपी एमएलए कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी को पेश होना था, हालांकि वह पेश नहीं हुआ था। उसने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में पत्र दाखिल किया। मुख्तार ने कोर्ट में दाखिल पत्र में अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया था। मुख्तार ने कहा था कि जेल में उसे खाने में जहर देकर मारने का प्रयास किया गया है। जहर के कारण हालत काफी गंभीर है। पूरे शरीर के नसों में दर्द दो रहा है। बांदा जेल में जान का खतरा बताते हुए उसने मेडिकल बोर्ड का गठन कर बेहतर इलाज का अनुरोध किया था।
🔴कोर्ट को दिए पत्र में लिखी थी जहर देने की बात
मुख्तार अंसारी ने अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन के माध्यम से न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें मुख्तार ने कहा था कि बांदा जेल में बीते 19 मार्च को उसे जो भोजन दिया गया था उसमें जहर मिला था। भोजन करने के बाद उसकी हालत बहुत ही खराब हो गई। हाथ पैर ही नहीं पूरे शरीर की नसों में दर्द है, ऐसा लगता है कि उसकी मृत्यु हो जाएगी। उसने कहा कि इस घटना के 40 दिन पहले भी उसे खाने में विषाक्त पद्धार्थ मिला कर दिया गया था। उसे जेल स्टाफ द्वारा खाना टेस्ट करके दिया जाता था। उक्त खाना खाने वाले जेल कर्मचारी भी बीमार हुए थे। मुख्तार ने बांदा जेल में जान का खतरा बताते हुए कहा कि उसके साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है।
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